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डीएमके ईडी या पीएम मोदी से नहीं डरती-उदयनिधि स्टालिन


तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लिया. यह वही बैठक है जिसका DMK सरकार बीते तीन सालों से बहिष्कार करती आ रही थी. इस बार उपस्थिति को लेकर राजनीतिक गलियारों में जब आलोचना हुई तो डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने इस पर सफाई दी है.

AIADMK के नेता के पलानीस्वामी ने DMK की इस बार की भागीदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ईडी के डर से प्रेरित है. विशेषकर TASMAC घोटाले से जुड़ी ईडी की हालिया कार्रवाई के बाद से ऐसा देखने को मिला है. इसका जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बेहद तीखे शब्दों में विपक्ष के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि हम ईडी से नहीं डरते. हम पीएम मोदी से भी नहीं डरते. हमने बार-बार ये कहा है कि हम किसी की धमकी में नहीं आने वाले. हम पेरियार और कलैगनार की विचारधारा के उत्तराधिकारी हैं.

MK स्टालिन ने आगे स्पष्ट किया नीति आयोग की बैठक में भागीदारी राज्य के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए थी. विपक्ष केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए यह मुद्दा उठा रहा है. केंद्र की तरफ से तमिलनाडु को धन आवंटन में उचित भागीदारी दिलाने की दिशा में यह एक कदम था.

तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) के संदर्भ में ईडी की ओर से की गई हालिया छापेमारी ने डीएमके सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप मजबूत किए हैं. विपक्षी पार्टियों का दावा है कि इन कार्रवाइयों के चलते ही मुख्यमंत्री स्टालिन को राष्ट्रीय मंच पर उपस्थिति दर्ज करानी पड़ी.लेकिन उदयनिधि स्टालिन ने इस संबंध को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि केवल दोषी लोग डरते हैं. हम सभी कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए तैयार हैं.

उदयनिधि ने अपने बयान में यह भी कहा कि DMK कोई गुलाम पार्टी नहीं है. यह पार्टी कलैगनार करुणानिधि और पेरियार के सिद्धांतों पर आधारित है, जो स्वाभिमान, सामाजिक न्याय और संघीय अधिकारों की हिमायती रही है.

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