बाराबंकीः श्रद्धा, सेवा और भक्ति में डूबा जिला, ज्येष्ठ के पहले बड़े मंगल पर हनुमान मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब
May 13, 2025
बाराबंकी। ज्येष्ठ मास के पहले बड़े मंगलवार को जनपद का आकाश श्जय बजरंगबलीश् के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। सूर्योदय से पहले ही हनुमान मंदिरों के पट खुलते ही श्रद्धालु उमड़ पड़े। चेहरे पर आस्था की चमक, हाथों में प्रसाद और मन में भक्ति ,हर दृश्य अद्भुत और अलौकिक था।शहर के धरोहर चैराहे, कोतवाली परिसर और रेलवे स्टेशन स्थित हनुमान मंदिरों में सुबह से ही लंबी कतारें लगी रहीं। भक्तों ने विधिवत दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया और भक्ति से हनुमान चालीसा का पाठ किया। घर-घर में सुंदरकांड और हवन का आयोजन हुआ।
देवा रोड पर भाजपा नेता पंकज गुप्ता श्पंकीश्श् द्वारा आयोजित विशाल भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर भाजपा, सहित बार एसोसिएशन पदाधिकारी और अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। जिला पंचायत गेस्ट हाउस के पास समाजसेवी पवन सिंह के भंडारे में शहर के प्रतिष्ठित नागरिकों ने भाग लेकर सेवा भावना का परिचय दिया।
अभय नगर में अधिवक्ता दिनेश चंद्र वर्मा द्वारा आयोजित भंडारे का शुभारंभ न्यायिक दंडाधिकारी सीमा सिंह ने विधिवत पूजन से किया। पल्हरी चैराहे पर आयोजित भंडारे में प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने पहुंचकर सेवा भाव से शुरुआत की।
गायत्री मंदिर से लेकर पल्हरी चैराहे तक और देवा रोड सहित शहर के अनेक स्थलों पर पूड़ी-सब्जी, बूंदी और शरबत का भंडारा दिनभर चलता रहा। राहगीरों को शीतल जल और शरबत पिलाया गया। बाजारों से लेकर मोहल्लों तक भक्ति और सेवा का संगम देखा गया।रामनगर में पक्का तालाब स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भव्य सुंदरकांड, कन्या भोज और विशाल भंडारा हुआ। रानी मोहल्ला में सभासद प्रतिनिधि अवनीश मिश्रा ने सुंदरकांड और भंडारा कराकर श्रद्धालुओं की सेवा की।
तो वही दरियाबाद क्षेत्र के महावीर बाबा मंदिर, बालाजी मंदिर और हनुमंत लाइब्रेरी सहित दर्जनों स्थानों पर सुंदरकांड, हवन और भंडारों का आयोजन हुआ। पूड़ी-सब्जी, बूंदी, छोला-चावल और शरबत का प्रसाद वितरित किया गया। वहीं सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के पंजरौली, रसूलपुर और बदोसराय समेत दर्जनों गांवों में ग्रामीणों ने श्रद्धाभाव से भंडारे किए। यहां भी सुंदरकांड, कन्या पूजन और हवन के आयोजन हुए।पूरा जनपद मंगलवार को श्रद्धा, सेवा और भक्ति में सराबोर दिखा। हर मंदिर में मेले जैसा माहौल और हर गली में बंटी आस्था की मिठास ने यह साबित कर दिया कि बड़े मंगल केवल तिथि नहीं, बल्कि एक अनुपम परंपरा है जो आत्मा को हनुमान भक्ति से जोड़ देती है।