बंगाल में कभी भी विभाजन की राजनीति नहीं होने दी जाएगी-ममता बनर्जी
April 09, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता में आयोजित 'नवकार महामंत्र दिवस' कार्यक्रम के दौरान मुर्शिदाबाद हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने राज्य में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता जताते हुए एकता और शांति की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ वह हमेशा खड़ी रहेगी और बंगाल की संस्कृति में हर धर्म और परंपरा का सम्मान किया जाता है.
ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारा उद्देश्य जोड़ना है, बांटना नहीं. जब हम एकजुट रहेंगे, तो देश तरक्की करेगा. हमारी नीति है कि जियो और शांति से जीने दो.' उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कुछ लोग उनके खिलाफ गलत बातें फैलाते हैं, जैसे कि वह हिंदू धर्म का संरक्षण नहीं देतीं, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बंगाल में सभी धर्मों और समुदायों को समान सम्मान मिलता है. 'मुझे यह कहते हुए गर्व है कि यह बंगाल है, जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं और खुश रहते हैं.'
ममता ने भाषण के दौरान कहा, 'बंगाली अगर हमारा फस्ट भाषा है तो दूसरा भाषा हिंदी है ,मैं सभी भाषा को समझती हूं ,पंजाबी ,भोजपुरी ,मराठी गुजराती ,असामी ,उड़िया ,साउथ में थोड़ी से परेशानी होती है ,लेकिन थोड़ा-थोड़ा कन्नड़ मलयालम को समझती हूं.
उन्होंने आगे कहा कि वह हर धर्म के कार्यक्रमों में जाती हैं. 'मैं मंदिर भी जाती हूं, गुरुद्वारा, गिरजाघर और अजमेर शरीफ भी जाती हूं.' बंगाल में हम हर परंपरा का सम्मान करते हैं. हमारे यहां जितने भी धर्म हैं, सबके लिए हमने बचपन से प्रेम सीखा है.' मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर धर्म के त्योहारों को समान रूप से मनाने का अवसर देती है.
ममता कहती हैं, 'हमारे यहां जितने भी धर्म हैं सबके लिए हमने बचपन से प्रेम सीखा है, मुझे कहा जाता है कि आप हर धर्म के कार्यक्रम में क्यों जाती हैं? मैं उनको कहती हूं कि मैं हमेशा जाती रहूंगी. अगर तुम गोली भी मार दो फिर भी मेरे मन से एकता नहीं निकाल सकते.
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि राज्य में हिंदू त्योहारों को सुरक्षा नहीं दी जाती. ममता ने सवाल किया, 'अगर हम हिंदू त्योहारों को सुरक्षा नहीं देते, तो फिर यह सुरक्षा कौन देता है?' इस बयान से मुख्यमंत्री ने यह साबित किया कि उनकी सरकार हर धर्म और त्योहार को सम्मान देती है और सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करती है.
ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि बंगाल में कभी भी 'डिवाइड एंड रूल' की राजनीति नहीं चलने दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा, यहां पर शांति और एकता की राजनीति ही चलेगी.' मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि अगर कोई उकसाने की कोशिश करता है तो शांत रहें और अपनी एकता को बनाए रखें. "दीदी आपके साथ है."