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ईद पर नमाज तक नहीं पढ़ने दी, अब मुसलमानों की चिंता-गौरव गोगोई


आज 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया. इसे संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में रखा. लेकिन इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया. चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने सरकार पर संविधान के मूल ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाया.

गौरव गोगोई ने कहा कि रिजिजू ने यूपीए सरकार को लेकर जो भी बातें कहीं, वे पूरी तरह से झूठ हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार अपने बयान को प्रमाणित करे. उन्होंने कहा, "यह विधेयक देश के संघीय ढांचे और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला है. सरकार का उद्देश्य भ्रम फैलाना और समाज को बांटना है."

गौरव गोगोई ने सवाल उठाया कि जब ईद के दौरान लोगों को खुले में नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी गई, तब सरकार ने मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा क्यों नहीं की? उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अब मुसलमानों की हितैषी बनने की कोशिश कर रही है, लेकिन असल में अल्पसंख्यकों की जमीनों पर नजर गड़ाए बैठी है

गोगोई ने संसद में बीजेपी से सवाल किया कि "आपके दल में कितने अल्पसंख्यक सांसद हैं?" उन्होंने कहा कि अगर आज मुसलमानों की संपत्ति पर ध्यान दिया जा रहा है, तो कल किसी और समुदाय की जमीनें भी निशाने पर आ सकती हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कानूनी विवाद बढ़ाना चाहती है ताकि अल्पसंख्यकों को अलग-थलग किया जा सके. उन्होंने क्लॉज 29 एल का उदाहरण देते हुए सवाल किया कि "क्या UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) का इस्तेमाल केवल एक समुदाय के खिलाफ किया जाएगा या सभी पर समान रूप से लागू होगा?

गोगोई ने दावा किया कि 2013 के संशोधन के बाद से हाईकोर्ट की भूमिका स्पष्ट है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि जहां बीजेपी की सरकारें हैं, वहां उन्होंने कितनी बार वक्फ से जुड़े मामलों में सेक्शन 97 का इस्तेमाल किया?

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