अमेठी। बेरोजगारों के लिए रोजगार का सहारा बनी मनरेगा भी मजदूरों को भूखे पेट छोड़ने को मजबूर हो गई है। तीन माह से बजट नहीं मिलने के कारण जिले की 682 ग्राम पंचायतों में से 232 में काम बंद पड़ गया है।
एक सौ दिन के रोजगार की गारंटी देने वाली मनरेगा अपने उद्देश्य के पथ से डगमगाने लगी है। जिससे योजना के तहत रोजगार पाने वाले मजदूरों का भरोसा उठ रहा है। तीन माह (नवंबर) से बजट न मिलने के कारण भूखे पेट बेरोजगार काम करने से कतराने लगे हैं। जिसके चलते 232 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से होने वाला विकास कार्य बंद पड़ गया है। विभाग की ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में महज 450 ग्राम पंचायतों में 1009 कार्य कराया जा रहा है। जिसमें 12476 मजदूर काम कर रहे हैं। इस संबंध में डीसी मनरेगा शेर बहादुर ने कहा कि बजट मिलते ही भुगतान किया जाएगा। जिन ग्राम पंचायतों में काम नहीं हो रहा है। वहां काम शुरू कराने के लिए सभी संबंधित को निर्देश दिया जाएगा।