प्रतापगढः भयहरण नाथ धाम में वार्षिक अधिवेशन संपन्न: 25 वाँ महाकाल महोत्सव व महाशिवरात्रि मेले का भव्य आयोजन 26 जनवरी से 27 फरवरी तक
विधान केसरी समाचार
प्रतापगढ़। प्रसिद्ध पांडव कालीन भयहरण नाथ धाम में गत वर्षो की भाँति विश्व स्वयं सेवक दिवस पर वार्षिक अधिवेशन संपन्न हुआ। 25 वें महाकाल महोत्सव व महाशिवरात्रि मेले का भव्य आयोजन रजत जयन्ती वर्ष व कुंभ मेले के दृष्टिगत 26 जनवरी से 27 फरवरी तक भव्यता से आयोजित करने का निर्णय लिया गया। वहीं धाम के प्रशासनिक कार्यालय के जीर्णोद्धार योजना पर गंभीर चर्चा करके सभी के सहयोग और भागीदारी से मेला व महोत्सव से पूर्व सभी आवश्यक कार्य कराया जाना तय हुआ। 22 जनवरी को श्री राम मंदिर निर्माण दिवस पर सभी के सहयोग से राम मंदिर समिति के संयोजन में विविध आयोजन किया जायेगा। वार्षिक अधिवेशन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता अध्यक्ष आचार्य राज कुमार शुक्ल ने की वहीं दूसरे सत्र की अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष लाल जी सिंह ने किया।
अधिवेशन का संयोजन महासचिव समाज शेखर ने किया। उपाध्यक्ष प्रशासन बबन सिंह, उपाध्यक्ष कार्यक्रम उमाकांत पांडेय व उपाध्यक्ष संगठन डॉ अमर बहादुर सिंह को सदस्यता अभियान की जिम्मेदारी दी गई। सर्व सम्मति से तय हुआ की धाम की गतिविधियों के 25 वर्ष पूर्ण होने पर इस वर्ष २५ वें महाकाल महोत्सव व महाशिवरात्रि मेले का भव्य आयोजन रजत जयन्ती वर्ष व कुंभ मेले के दृष्टिगत 26 जनवरी से 27 फरवरी तक भव्यता से आयोजित करने का निर्णय लिया गया। तय हुआ की जिला प्रशासन , पुलिस विभाग व सभी संबंधित विभाग व सभी स्थानीय संस्थाओ के सम्मिलित भागीदारी से कुंभ मेला के दृष्टिगत आयोजन होंगे। सभी ने चर्चा कर निर्णय लिया की सांसद, विधायक व नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ कार्यवाहक अध्यक्ष व महासचिव बैठक करके मेला व महोत्सव के आयोजन को अंतिम रूप दें। धाम के प्रशासनिक कार्यालय के जीर्णोद्धार योजना पर गंभीर चर्चा हुई। सभी ने बढ़ चढ़ कर सहभागिता करने का संकल्प लिया। कार्यालय प्रभारी नीरज मिश्र को सभी से समन्वय कर सभी आवश्यक व्यवस्था जी सहयोग करने का निर्देश दिया गया।
तय हुआ की धाम की भूमि पर जो अनावश्यक कब्जा है उस को भौतिक रूप से प्राप्त कर धाम का विकास निरंतर किया जाए। धाम से जुड़ी अन्य सार्वजनिक भूमि के विकास हेतु प्रबन्ध समिति राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर मूर्त स्वरूप प्रदान किया जाए।
बैठक मे प्रमुख रूप से डॉ अशोक अग्रहरि, दीपक जायसवाल, सुरेंद्र सिंह, चिंतामणि त्रिपाठी, तेज बहादुर सिंह, मनी राम वर्मा , शत्रुघ्न सिंह, बबलू अग्रहरि, जिया लाल, डॉ लाल चंद्र जौहर, अमरेश तिवारी, विनोद श्रीवासव, गंगा पांडेय तथा कमलेश अग्रहरि आदि ने अपने विचार रखे।