उन्नाव: मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर फर्जी निस्तारण, लोक निर्माण विभाग के निस्तारण पर सवाल
विधान केसरी समाचार
सफीपुर/उन्नाव। मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण में फर्जीवाड़ा सामने आया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अवर अभियंता पर बिना कार्य कराए फर्जी रिपोर्ट लगाकर शिकायत निस्तारित दिखाने का आरोप है। सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र सिंह ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी से कर कार्रवाई की मांग की है।
सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर सफीपुर क्षेत्र के महदीखेड़ा-गहौली संपर्क मार्ग की जर्जर हालत को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि मार्ग की मरम्मत के साथ-साथ दोनों ओर की झाड़ियां काटी जाएं और पटरी भराई का कार्य भी कराया जाए। इस मार्ग की खराब स्थिति के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शिकायत के बाद लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता प्रदीप चक्र को मरम्मत कार्य कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन कुछ दिनों बाद विभाग ने पोर्टल पर फर्जी रिपोर्ट लगाते हुए लिखा कि मार्ग की मरम्मत करा दी गई है। नागेंद्र सिंह ने जब मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो पाया कि न तो झाड़ियां काटी गई हैं, न पटरी भराई का कार्य हुआ है और न ही मार्ग की मरम्मत की गई है।
ग्रामीणों का भी फूटा गुस्सा
महदीखेड़ा और गहौली गांव के ग्रामीणों ने विभाग के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मार्ग की जर्जर स्थिति के चलते बारिश में कीचड़ भर जाता है, जिससे आवागमन मुश्किल हो जाता है। झाड़ियां बढ़ी होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी होती है, और हादसे का डर भी बना रहता है। ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही और फर्जी निस्तारण का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी को पूरी घटना की जानकारी देते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत की सत्यता की पुष्टि कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों से संपर्क करेंगे और जरूरत पड़ने पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल जैसी व्यवस्था में फर्जीवाड़ा जनता के विश्वास को कमजोर करता है, इसे रोकना बेहद जरूरी है।