महाकुम्भ के लिए योगी सरकार की अनोखी पहल, 400 स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ मीटिंग

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगले साल जनवरी में लगने जा रहे महाकुम्भ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की अनूठी पहल कर रही है। महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने को लिए दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकाने आवंटित की जा रही हैं। अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित की जा रही हैं और जल्द ही आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

अपर मेलाधिकारी ने बताया कि 400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ स्वच्छता पर विशेष बैठक आयोजित की गई है तथा छात्रों को स्वच्छता का संदेशवाहक बनाकर प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ की जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि 1500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनात किया जा रहा है, जो मेले में स्वच्छता अभियान चलाएंगे और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके मुताबिक, इनका प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या में वृद्धि किए जाने की भी योजना है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति इस पहल में सहभागी बन सके।

चतुर्वेदी ने बताया कि इसके साथ ही, सभी सुविधा पर्चियों में प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संदेश दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालु जागरूक रहें और प्लास्टिक का उपयोग न करें। अपर मेलाधिकारी ने बताया कि महाकुम्भ में तैनात सभी संस्थाओं और विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक मुक्त कुम्भ के नियमों का पालन करें तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। ऐसे में साफ है कि कुम्भ मेले के दौरान किसी भी दुकान में प्लास्टिक बैग नहीं मिलेंगे।

महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा है। यहां एम्स रायबरेली और सेना के अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए जा रहे हैं। इस अस्पताल का दायित्व संभाल रहे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो, इसके लिए पुख्ता तैयारी है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल लगभग 70 फीसदी बन गया है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान यहां 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी, जहां ओपीडी की क्षमता के हिसाब से सुविधाएं मौजूद रहेंगी तथा इसमें पुरुष, महिला और बच्चों के लिए अलग वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। दूबे ने बताया कि इसके अलावा, प्रसूति कक्ष, आपातकालीन वार्ड और डॉक्टर कक्ष के साथ ही यहां जांच की भी विशेष व्यवस्था होंगी।

गौरव दुबे  बताया कि इसके साथ ही विशेष सुविधाओं वाले 20-20 बेड के आठ छोटे अस्पताल भी तैयार किया जा रहे हैं। ‘आर्मी हॉस्पिटल’ की ओर से मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू बनाए जा रहे हैं, जहां श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वहीं, झूंसी के 25 बेड वाले अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू एम्स रायबरेली बनाएगा जहां 24 घंटे मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल की सुविधा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी दो अस्पतालों का इंतजाम किया गया है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।