‘कट्टरपंथियों के चंगुल’ में है बांग्लादेश की अंतरिम सरकार-गिरिराज सिंह

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बांग्लादेश के मुद्दे पर बुधवार को अपनी आवाज मुखर की और कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों से पता चलता है कि उस देश की अंतरिम सरकार ‘‘कट्टरपंथियों के चंगुल’’ में है। उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने को कहा। बांग्लादेश में एक हिंदू नेता की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले मानवता के खिलाफ हैं। भाजपा ने हालांकि इस संबंध में कोई टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि वह इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय द्वारा अपनाए गए ‘‘उचित रुख’’ के साथ खड़ी है।

भारत ने बांग्लादेश में दास को गिरफ्तार किए जाने और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने पर मंगलवार को ‘‘गहरी चिंता’’ जताई थी और बांग्लादेशी प्राधिकारियों से हिंदुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी। भाजपा सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम भारत सरकार के रुख से सहमत हैं।’’ बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू समूह ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्र से सोमवार को गिरफ्तार किया था।

सिंह ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘‘बांग्लादेश के कार्यवाहक ‘प्रधानमंत्री’ कट्टरपंथियों के चंगुल में हैं। जिस तरह से हिंदुओं पर हमला हो रहा है, वह मानवता के खिलाफ है। संयुक्त राष्ट्र को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।’’ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि हिंदुओं को निशाना बनाने और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी से पता चलता है कि पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर भी कट्टरपंथी हावी हो रहे हैं।

मंत्री से बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और वहां की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा गया था। सिंह ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह संभल हिंसा का मुद्दा उठा रहा है लेकिन उसे बांग्लादेश में हिंदुओं के सामने आ रही परेशानी की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग संभल जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी, अखिलेश यादव को बांग्लादेश नहीं दिख रहा है, जहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। सभी हिंदुओं को बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का विरोध करना चाहिए।’’ उन्होंने भारत में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘असम में धर्मांतरण को लेकर जो कानून बनाया गया है उसका स्वागत होना चाहिए। सभी राज्यों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के विरुद्ध समान कानून होने चाहिए। देश में धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकतंत्र तभी सुरक्षित है जब तक बहुसंख्यक ‘सनातनी’ हैं।’’ कई अन्य सांसदों ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की निंदा की और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘यह राज्य का मुद्दा नहीं बल्कि केंद्र से जुड़ा मामला है। लोगों ने केंद्र सरकार को अपना जनादेश दिया है। एक पार्टी के तौर पर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र के फैसले का समर्थन करने का निर्णय किया है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य सांसद सौगत रॉय ने भी घटना की निंदा की और कहा कि यह चिंता का विषय है कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं इसकी निंदा करता हूं। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।’