टीडीपी ने जगन मोहन रेड्डी पर लगाए गंभीर आरोप, केंद्र से जांच की मांग

0

 

टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) ने आरोप लगाया है कि पिछली वाईएसआरसीपी (वाई एस जगन मोहन रेड्डी) सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के माध्यम से अडानी ग्रुप से बिजली खरीदने के लिए गुप्त रूप से समझौते किए थे. टीडीपी नेताओं का कहना है कि इन समझौतों का विरोध कई विभागों ने किया था फिर भी उन्हें लागू किया गया. साथ ही टीडीपी ने अमेरिकी अदालत में अडानी के खिलाफ लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर वाईएसआरसीपी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है.

अमेरिका की अदालत में दाखिल किए गए दस्तावेजों में अडानी ग्रुप पर 1,750 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं. टीडीपी के नेताओं का कहना है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए और वाईएसआरसीपी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाने वाली पावर खरीदी समझौतों की समीक्षा की जानी चाहिए. इस मामले ने आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल मचा दी है और टीडीपी ने इसकी जांच की मांग की है.

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा कि उनके पास अमेरिकी अदालत में दाखिल आरोपों की पूरी रिपोर्ट है. नायडू ने कहा कि वे इस रिपोर्ट का गहराई से अध्ययन करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे. उनका कहना था कि वाईएसआरसीपी सरकार के तहत हुए ये आरोप आंध्र प्रदेश की ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों के अनुसार अडानी ने “फॉरेन ऑफिशियल 1” नामक एक उच्च सरकारी अधिकारी से मुलाकात की थी. ये मुलाकातें अगस्त, 2021, सितंबर, 2021 और नवंबर, 2021 में हुई थीं जब वाईएस जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के सीएम थे. हालांकि “फॉरेन ऑफिशियल 1” का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन ये साफ है कि अगस्त 2021 में अडानी ने आंध्र प्रदेश के सीएम से व्यक्तिगत मुलाकात की थी.

हालांकि टीडीपी ने इस मामले में वाईएसआरसीपी सरकार से जवाबदेही की मांग की है, लेकिन अब तक वाईएस जगन मोहन रेड्डी या उनकी पार्टी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में सस्पेंस बना हुआ है और इस पर आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं.