प्रतापगढः कर्म की सुचिता से प्रसन्न हुआ करते हैं भगवान-अतुल जी
विधान केसरी समाचार
लालगंज/प्रतापगढ़। क्षेत्र के अझारा गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा के शुभारंभ पर बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी दिखी। कथाव्यास अतुल जी महराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान का स्वरूप विराट है। वहीं उन्होने बताया कि भगवान का हृदय भी दयालुता की विशालता का सागर है। प्रख्यात कथावाचक अतुल जी ने कहा कि भगवान की कृपा उसी पर हुआ करती है जिसका कर्म सुचितापूर्ण हुआ करता है। उन्होने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का उपदेश मनुष्य के जीवन के सम्पूर्ण मंगल का महाकवच है। उन्होनें कहा कि भगवान की पूजा तभी सुफल फल दिया करती है जब साधक का मन पवित्र हो।
उन्होनें कहा कि साधना और आराधना का भाव सदैव निर्मल होना चाहिए। उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धरती पर पाप के विनाश और सदकर्म तथा सदनीति का पथ प्रदर्शन है। कथाव्यास ने श्रद्धालुओ को बताया कि मनुष्य को लोभ तथा क्षोभ व अभिमान से मुक्ति के लिए भगवान के करूणा स्वरूप का नित्य दर्शन करना चाहिए। कथा के दौरान भजन की सुमधुर प्रस्तुतियों में श्रद्धालु आनंदित दिखे। संयोजक पं. अवधेश नारायण द्विवेदी ने सुमित्रा तथा अनुज व नागेश्वर, देवेन्द्र के साथ व्यासपीठ का विधिविधान से पूजन किया। संचालन साहित्यकार अनूप प्रतापगढ़ी ने किया। इस मौके पर आचार्य देवानंद मिश्र, भागवत प्रसाद तिवारी, रामशिरोमणि मिश्र, धीरज द्विवेदी, अभय दुबे राजा, कुलदीप तिवारी, आशीष दुबे आदि रहे।