लखीमपुर खीरीः जंगली हाथियों का आतंकः फसलों को पहुंचा रहे हैं नुकसान, पटाखे फोड़कर किसानों ने भगाया
विधान केसरी समाचार
लखीमपुर खीरी । लखीमपुर खीरी के मैलानी वन रेंज में स्थित दुधवा नेशनल पार्क और किशनपुर सेंचुरी के आस-पास पिछले एक महीने से नेपाल के शुक्ला फाटा पार्क से आए जंगली हाथी आतंक का कारण बने हुए हैं। ये हाथी जंगल के अंदर ही नहीं, बल्कि खेतों में घुसकर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
फसल नुकसान की घटनाएं
ग्राम महुरेना में रात के समय चार से पांच जंगली हाथियों ने किसान सुशील यादव और अनिल महिपाल की गन्ने की फसल को बर्बाद कर दिया। इसके अलावा, किसानों रामरतन, भगवानदीन, बाबूलाल और श्रीपाल के केले और गन्ने की फसलें भी हाथियों द्वारा तबाह कर दी गईं। इन घटनाओं के बाद, किसान किसी तरह पटाखे फोड़कर हाथियों को खेतों से भगाने में सफल रहे। हालांकि, इस उत्पात से किसानों में भारी चिंता है, क्योंकि वे अब खेतों की रखवाली करने में डर महसूस कर रहे हैं।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार की रात हाथियों की लोकेशन खुटार के सुल्तानपुर और पिपरा क्षेत्र में थी। वन रेंजर साजिद हसन ने बताया कि उन्होंने हाल ही में इस क्षेत्र का चार्ज संभाला है और इस समय हाथियों की संख्या पहले की तुलना में कम है। लेकिन फिर भी वे नुकसान कर रहे हैं। रेंजर ने कहा कि हाथियों द्वारा बर्बाद की गई फसलों के मुआवजे की सूची तैयार की जा रही है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अब गन्ना काटने का काम शुरू हो गया है, और हाथियों को खाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा, तो वे वापस जंगल की ओर लौट सकते हैं।
मुआवजे की मांग
किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि वन विभाग इस समस्या का जल्द समाधान करे, ताकि उनके खेतों में फिर से कोई नुकसान न हो। इस स्थिति ने किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उनकी सुरक्षा और उनके कामकाजी जीवन पर भी असर डाला है। वन विभाग को इस समस्या पर जल्द ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।