सड़क हादसे में मारे गए 5 डॉक्टर, अखिलेश यादव ने जताया दुख
उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बड़ा सड़क हादसा देखने को मिला। यहां एक तेज रफ्तार कार डिवाइडर तोड़कर ट्रक से जा टकराई। इस हादसे में कार सवार 5 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले पांचों लोग डॉक्टर थे। इस हादसे में एक अन्य युवक भी घायल हुआ है। बता दें कि ये पांचों डॉक्टर सैफई मेडिकल कॉलेज में तैनात थे और लखनऊ से वापस सैफई जा रहे थे। इस हादसे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त करते हुए सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘हर एक जान अनमोल होती है, लेकिन जान बचानेवाले डॉक्टरों की जान जाना और भी अधिक दुखद घटना है। श्रद्धांजलि! उप्र भाजपा सरकार को ये सोचना चाहिए कि एक्सप्रेसवे पर अचानक हादसों की संख्या क्यों बढ़ गयी है।’ इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार से कुछ सवाल भी किए। अखिलेश यादव ने पूछा, ‘क्या भाजपा सरकार, सपा के समय में बने इस विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे की देखरेख करने की योग्यता और क्षमता नहीं रखती है या फिर जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। क्या हाईवे की पुलिसिंग कोने में गाड़ी लगाकर, मोबाइल देखने के लिए ही रह गयी है। जब मोबाइल से सिर उठाएंगे तब तो देखेंगे कि कौन गलत-सही गाड़ी चला रहा है।’
उन्होंने आगे पूछा, ‘क्या स्पीड पर निगाह रखनेवाली CCTV टेक्नॉलॉजी केवल चालान काटकर पैसा कमाने के लिए है या चेतावनी देकर जान बचाने के लिए भी है। क्या जानवरों की आवा-जाही के नियंत्रण का कोई भी उपाय सरकार के पास नहीं है, जो सैकड़ों बार हादसों का कारण बन रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भाजपा राज में ‘लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे‘ के प्रति द्वेष भरा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसकी क़ीमत जनता अपनी जान गंवाकर चुका रही है।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि सपा के लिए ‘एक्सप्रेसवे’ एक बड़ी सोच का ठोस रूप था। जिसका लक्ष्य सुरक्षा के साथ आवागमन-परिवहन को गतिमान बनाकर, बीच के सभी क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था, कृषि और कारोबार को प्रगति और विकास के मार्ग से जोड़ना रहा, लेकिन भाजपा के लिए ये केवल करोड़ों का टोल कमाने का ज़रिया भर बनकर रह गया है। ये टोल कलेक्शन का काम भी प्राइवेट कंपनी को ही दिया गया है, और क्यों दिया गया है, ये समझाने की ज़रूरत जनता को नहीं है। अगर सरकार में कोई भी एक जिम्मेदार हो तो जवाब भले न दे पर जनता के जीवन को बचाने के उपाय जरूर करे।