बाराबंकीः संविधान दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर आयोजित हुई भाषण प्रतियोगिता

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विधान केसरी समाचार

बाराबंकी। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, के सभागार में संविधान दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘‘भारतीय संविधान दिवस में वर्णित अधिकार आज के परिप्रेक्ष्य में‘‘ एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य प्रोफेसर (डाॅव) सीताराम सिंह ने मां सरस्वती और संविधान के शिल्पकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया।. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ०) सीताराम सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति यदि आज अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति सजग है, तो निसंदेह यह भारतीय संविधान के कारण ही संभव हुआ है। यह भारतीय संविधान का ही प्रभाव है कि हम सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक प्रत्येक आधार पर समानता के साथ इस देश को आगे ले जाने का कार्य कर रहे हैं।. प्रत्येक पांच वर्ष में भारतवर्ष में केंद्रीय और प्रादेशिक निर्वाचन के माध्यम से होने वाला सत्ता हस्तांतरण पूर्णतया शांति से संभव हो पाता है, तो उसका कारण भारतीय संविधान ही है जिसने अपनी निहित शक्तियों के माध्यम से प्रत्येक अनुकूल स्थिति को सृजित करने का कार्य किया है।

इससे पूर्व कार्यक्रम में उपस्थित प्रो० संतोष कुमार गौड ने संविधान को न केवल भारत का स्वाभिमान बताया, अपितु उसे सामाजिक, आर्थिक न्याय का नियंता भी बताया । आगे कहा कि समतामूलक समाज की स्थापना करने में भारतीय संविधान की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया।

प्रो० अनुपमा श्रीवास्तव ने संविधान को जन-जन के हितों की रक्षा करने वाला, राष्ट्र का मार्गदर्शक और मूल्य तथा सिद्धांतों का प्रतीक बताते हुए इस बात पर विशेष बल दिया की वर्तमान परिस्थितियों में व्यक्ति के मौलिक अधिकार और उनकी रक्षा में संविधान किस प्रकार सजग है। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नीलम प्रभा ने किया।
भाषण प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता तथा पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों प्रो० अनुपमा श्रीवास्तव, प्रो० सन्तोष कुमार गौड़ एवं प्रो० रीना सिंह ने अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए छात्र छात्राओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकित किया, जिसके परिणाम और विजेताओं की घोषणा प्राचार्य ने की।

कार्यक्रम के अंत में समस्त उपस्थित प्राध्यापकों , शिक्षणेतर कर्मचारियों तथा छात्र छात्राओं को प्राचार्य ने भारत का संविधान की उद्देश्यिका एवं संविधान दिवस की शपथ दिलाई।