बाराबंकीः भारतीय संविधान का सम्पूर्णं भाग इस देश मे हर व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को निर्घारित करता है- पीएल पुनिया
विधान केसरी समाचार
बाराबंकी। भारत का संविधान भारतीय गणराज्य का सर्वोच्च कानून है यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसको बनाने में 2 साल 11 महीना और 18 दिन लगे संविधान में देश के नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार और 11 मौलिक कर्तव्य दिये गये। 26 नवम्बर 1949 के पहले भारत एक स्वतंत्र देश जरूर था लेकिन वो पूरी तरह आजाद नही था। क्योंकि, देश में ब्रिटिश कानून व्यवस्था लागू थी। 26 नवम्बर 1949 को जब भारतीय संविधान को अपनाया गया तभी से संविधान के तहत सभी चीजों को पूरे देश में लागू किया गया। संविधान देश की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढ़ाँचा तैय्यार करता है और संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा होती है। संविधान ही देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण करता है। साथ ही मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के द्वारा रचित दुनिया के सबसे बड़े और मजबूत संविधान के विभिन्न पहलुओं को देश की भाजपा की सरकार द्वारा जो कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है, उसके लिये लोकतन्त्र और मौलिक अधिकारों तथा देश के संविधान को बचाने की जरूरत है।
उक्त उद्वगार पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने संविधान दिवस के अवसर पर अपने ओबरी आवास पर कांग्रेस परिवार द्वारा आयोजित संविधान दिवस और विचार गोष्ठी कार्यक्रम के अर्न्तगत व्यक्त किया जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन तथा संचालन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राम हरख रावत ने किया। कार्यक्रम में कांग्र्रेसजनों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया।
भारतीय संविधान तथा उसकी प्रस्तावना पर विस्तृत चर्चा करते हुये पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने कहा कि, भारतीय संविधान का सम्पूर्णं भाग इस देश मे हर व्यक्ति के मौलिक अधिकारों को निर्घारित करता है। भारतीय संविधान की एक और विशेषता यह है कि, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने संविधान की धाराओं को लचीला रक्खा ताकि कोई बदलाव करते समय उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों में आवश्यकता के अनुसार संशोधन किया जा सके। पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने, भाजपा सरकार द्वारा संविधानिक मूल्यों को कमजोर करने और सामाजिक न्याय के खिलॉफ काम करने तथा संविधान को खोखला करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि, आज देश के प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है कि, वो भारतीय संविधान की और लोकतन्त्र की रक्षा करे।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि, देश का संविधान सरकार की संस्थाओं की शक्तियों और जिम्मदारियों को तय करता है यह शासन के अंगों नागरिकों के बीच संबन्धों का भी नियन्त्रित करता है। देश का संविधान जनता की सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक प्रकृति, आस्था और आकांक्षाओं पर आधारित होता है। और आज का दिन संविधान दिवस जनता के अधिकारों की रक्षा के लिये प्रेरणा का दिन है।
संविधान दिवस के अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया, कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन, राजेन्द्र वर्मा फोटोवाला, आदर्श पटेल, इरफॅान कुरैशी, सरजू शर्मा, अमरनाथ मिश्रा, के0सी0 श्रीवास्तव, राम हरख रावत, अजीत वर्मा, राजेन्द्र गोस्वामी, मोहम्मद इजहार, अब्दुल रहमान लल्लू, सियाराम यादव, सईद अहमद, राम चन्द्र वर्मा, सचिन त्रिपाठी, संजीव मिश्रा, अजय रावत, अरशद अहमद, दिलशाद वारशी, फरहान वारशी, रमेश कश्यप, अखिलेश वर्मा, फरीद अहमद, सौरभ पाण्डेय, नेकचन्द्र त्रिपाठी, अभय गौतम, अवनीश चैधरी, आनन्द गौतम, प्रशान्त सिंह, तस्लीमन खांन, नसरीन बानों, मैना देवी, शान्ति सोनी, जसवन्त वर्मा, भूपेन्द्र वार्म, प्रमोद वर्मा, सुरेन्द्र वर्मा, प्रीती शुक्ला सहित दर्जनों की संख्या में कांग्रेसजनों ने एक साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करके भारतीय संविधान और लोकतन्त्र की रक्षा का संकल्प लिया।