इन्हौना: कब्जा हटाने में तहसील प्रशासन नाकाम

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विधान केसरी समाचार

इन्हौना/अमेठी। सिंहपुर क्षेत्र के नारायणचक मजरे टिकरी गांव में स्थित श्री चंद्र भगवान के मंदिर पर आज भी भूमिया का कब्जा बरकरार है, जबकि मंदिर समिति द्वारा 2 वर्ष पूर्व मुकदमा जीत लिया गया था, परंतु न्यायालय के आदेश के बाद भी दबंग माफिया का मंदिर पर आज भी ताला लटक रहा है,जिसके लिए संरक्षक जीत बहादुर ने निरंतर तहसील व थाने का चक्कर आज भी लगाया जा रहा है,परंतु दबंग कब्जेदार के कब्जे से अभी भी भगवान व मंदिर की जमीन मुक्त नहीं हो पाई है,आश्रम समाधि बाबा चंडिका दास कुटी के संरक्षक जीत बहादुर सिंह ने उच्च अधिकारियों को दिए शिकायती पत्र में लिखा है कि विपक्षी उमाशंकर पांडे ने अपने पिता गुरशरण से श्री चंद भगवान विराजमान मंदिर वह मंदिर की जमीन को कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर वसीयत कर ली थी,जो नियम विरुद्ध था,जिसकी न्यायालय को जानकारी होने के बाद संरक्षक जीत बहादुर सिंह ने 18 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद 2 वर्ष पूर्व 17 जुलाई को तहसीलदार पवन कुमार शर्मा ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर दर्ज वसीयत को निरस्त कर मंदिर की जमीन को दोबारा श्री चंद भगवान के नाम दर्ज करने का आदेश कर दिया।परंतु आदेश के बावजूद दबंग का अभी तक कब्ज ज्यों का टेयुओ बरकरार है,जिसे एसडीएम तिलोई अमित कुमार ने कब्जे से मंदिर को मुक्त कराकर वर्तमान संरक्षक की टीम के सुपुर्द करने का आदेश दिया है।अब देखना यह है कि भगवान विराजमान मंदिर को बंधन से मुक्त करने के लिए प्रशासन दबंग कब्जेदार को हटाने के लिए कौन सा पैंतरा अख्तियार करता है। एसडीएम तिलोई अमित सिंह ने बताया की तहसीलदार के आदेश पर मंदिर की जमीन पुनः मंदिर के नाम दर्ज की जा चुकी है,तथा मंदिर की जमीन को कब्जा मुक्त करवाकर मुख्य संरक्षक जीत बहादुर को मंदिर की भूमि पर कब्जा भी दिलवा दिया गया है, परंतु मंदिर के निष्क्रिय पूर्व संरक्षक के मध्य मालिकाना हक को लेकर आपसी ताल मेल ना बैठ पाने के चलते असमंजस की स्थिति बनी है जिस पर जल्द ही उसका निस्तारण करवाकर आपसी तालमेल बनाकर कब्जा मुक्त करवाने का निर्देश दिया जा चुका है।