देहरादून सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, शासन से मांगी रिपोर्ट

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देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में छह दोस्तों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी मॉनिटरिंग कमेटी ने गंभीर रुख अपनाया है. इस हादसे को लेकर कमेटी ने उत्तराखंड शासन से जवाब मांगा है और पूछा है कि हादसे के बाद राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं. कमेटी ने शासन को निर्देश दिया है कि हादसे के कारणों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. परिवहन विभाग को प्वाइंट्स के साथ रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि हादसे की गहन जांच की जा रही है. जांच में हादसे के कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है और जरूरी सुझाव रिपोर्ट में शामिल किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शासन को यह रिपोर्ट 15 दिसंबर तक सौंप दी जाएगी. घटना की जांच के लिए हरियाणा का जेपी इंस्टीट्यूट भी शामिल हुआ है. यह संस्थान वैज्ञानिक पद्धति से जांच कर रहा है और रिपोर्ट तैयार कर रहा है. टीम ने घटनास्थल का दौरा कर क्षतिग्रस्त वाहन का निरीक्षण किया. विशेषज्ञों का मानना है कि उनके अध्ययन से हादसे के कारणों को समझने में मदद मिलेगी.

इस हादसे ने राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. शासन ने हादसे के पीछे संभावित कारणों जैसे कि सड़कों की स्थिति, यातायात नियमों का पालन और ड्राइवर की लापरवाही आदि पर गौर करने के निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट आने के बाद सुधारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद है.

यह हादसा पिछले हफ्ते ओएनजीसी चौक पर हुआ था, जब छह दोस्त एक वाहन में सवार होकर जा रहे थे. दुर्घटना इतनी भीषण थी कि सभी की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे ने पूरे शहर को झकझोर दिया और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

सड़क हादसों की बढ़ती घटनाएं शासन और परिवहन विभाग के लिए चुनौती बनती जा रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सड़कों की बेहतर देखभाल, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन और वाहन चालकों को जागरूक करना ही ऐसी घटनाओं को रोकने का एकमात्र समाधान है. सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट और उसके बाद लिए जाने वाले कदमों से यह उम्मीद की जा रही है कि देहरादून सहित पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा.