दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो)
अभी कुछ दिन पूर्व घोरावल में एक डॉक्टर द्वारा भ्रूण हत्या का मामला दर्ज हुआ जिसमे दो लोगो को जेल जाना पड़ा है।
सोनभद्र। नियम विपरीत चल रहा है सोनभद्र में अल्ट्रासाउंड का बड़ा रैकेट कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सिर्फ कोरमपूर्ती किया जा रहा है स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी गाइडलाइन की नही किया गया पालन कर दिया गया रजिस्ट्रेशन दूसरे का डिग्री दिखाकर कर दिया जाता है रजिस्ट्रेशन ।कैसे होता है रजिस्ट्रेशन चलिए हम बताते हैं अगर किसी को रजिस्ट्रेशन चाहे हॉस्पिटल,अल्ट्रासाउंड सेंटर का तो उसे सीएमओ के पास अधिकृत डॉक्टर उपलब्ध कराना पड़ता है उसके बाद कागजी कार्यवाही की जाती है उसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाता है ।उसके बाद वह आदमी उस अल्ट्रासाउंड सेंटर या हास्पिटक पर नही मिलेगा क्यो की केवल उसकी डिग्री ही लगी है और डिग्री का पैसा मिलता रहता है। रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम मौके पर कोई और करने लगता है अल्ट्रासाउंड व हॉस्पिटल का काम यही है सबसे बड़ा खेल लेकिन इसमें कई ऐसे अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं जिसमें रेडियोलाजिस्ट नहीं हैं, नियम यह है कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालकों के पास रेडियोलाजिस्ट की डिग्री होने के साथ एक प्रशिक्षित महिला की उपस्थिति अनिवार्य होती है। साथ ही दूसरे व तीसरे तल पर अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने के लिए लिफ्ट होना जरूरी है। लेकिन जिले में इसका पालन केंद्रों पर होता नहीं दिख रहा है। कई अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच रिपोर्ट सही न होने से मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।जिला अस्पताल के डॉक्टर भी जो कट देते हैं उनके यहां भेजते हैं जिससे कि हालांकि रिपोर्ट बहुत कम लोगो का सही आता है।कचहरी के पास एक अल्ट्रासाउंड सेंटर है जिसका रिपोर्ट फर्जी रहता है उसके यहां तो ना कोई डॉक्टर है ना कोई जानकारी आशाओं के माध्यम से उठाकर ले जाती है ।