पीलीभीतः इस समय श्रीराम के चित्र से अधिक चरित्र का पूजन आवश्यक – स्वामी शिवानंद सरस्वती
विधान केसरी समाचार
पीलीभीत। कार्यक्रम के अंतिम रात्रि सत्र का शुभारंभ बरखेडा विधायक स्वामी प्रवक्तानन्द ने दिल्ली से आये हुए महा ज्ञानी आर्य जगत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त स्वामी शिवानंद जी सरस्वती महाराज के साथ महर्षि दयानंद सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। बरखेडा विधायक स्वामी प्रवक्तानन्द को नगर के प्रमुख व्यवसायी ग्यारसी लाल मित्तल ने शॉल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया और पूर्व चेयरमैन राम औतार अग्रवाल तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष रामानंद सिंह ने बरखेडा विधायक को ॐ अंकित भगवा अंगवस्त्र तथा सत्यार्थ प्रकाश भेंट कर उनको सम्मानित किया। गुरुकुल की कन्याओं ने संस्कृत में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। स्वामी प्रवक्तानन्द ने कहा कि वे महर्षि दयानंद के मंच पर आकर खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने पूरे देश मे घूमकर गुलामी के बेड़ियों में जकड़े हुए भारतीय समाज को आडम्बरों की काली कालकोठरी से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त किया और आत्मसम्मान भूल चुके उस समाज के हृदय में स्वराष्ट्र और स्वसंस्कृति के प्रति अनुराग और स्वाभिमान का भाव जाग्रत किया जिस कारण लम्बी गुलामी के कारण अपना गौरवशाली इतिहास भूल चुके इस राष्ट्र में आत्मसम्मान और अपने गौरव को वापिस प्राप्त करने की चेतना वापिस आयी और यही कारण रहा कि देश के स्वाधीनता संग्राम में सम्मिलित होकर बलिदान देने वाले वीर हुतात्माओं में 80 प्रतिशत युवा आर्य समाज की ही पाठशालाओं से निकले थे। चाहे लाला लाजपत राय हों या राम प्रसाद बिस्मिल या चन्द्र शेखर आजाद सभी बड़े क्रांतिकारी आर्य समाज से ही सम्बन्ध रखते थे। उन्होंने कहा कि आज यदि देश को आजादी मिली है तो उसमें आर्य समाज की भूमिका अग्रणी रही है।
दिल्ली से आये हुए अत्यंत वरिष्ठ सन्त स्वामी शिवानंद जी सरस्वती ने कहा कि आने वाला समय हिन्दू समाज के लिए बड़ा कठिन सिद्ध होने वाला है। जिस प्रकार एक कट्टरपंथी सोच ने अपने अफगानिस्तान फिर पाकिस्तान और कश्मीर घाटी से हिंदुओं का सफाया कर दिया आज उसी विचारधारा के चलते बंग्लादेश में हिन्दू जोकि 1947 में वहां 35ः से भी अधिक था आज 8 प्रतिशत पर सीमित हो गया और अब उसे भी वहां जड मूल से सफाया कर देने पर कट्टरपंथी इस्लामी शक्तियां उतारू हैं। ठीक उसी जिहादी वहाबी सोच के चलते भारत जैसे हिन्दू बहुल देश के कई हिस्सों में हिंदुओं को धीरे धीरे पहले अल्पसंख्यक किया गया और फिर उनको वहां से समाप्त कर उनकी धन संपत्ति और बहन बेटियों को लूट कर कब्जा करने का षड्यंत्र चल रहा है जिसकी झलक हम लोग कश्मीर घाटी में देख ही चुके हैं और अब बंगाल और केरल उसी रास्ते पर चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब भी अगर नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब देश के हर हिस्से में वही दोहराया जाएगा जो आज बंगलादेश में हो रहा है पश्चिम बंगाल और केरल में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम लोग प्रभु श्री राम और प्रभु श्री कृष्ण जी के सिर्फ चित्र की पूजा छोड़कर उनके चरित्र की पूजा शुरू करें और अपने और परिवार तथा समाज की सुरक्षा हेतु जिन जिन युक्तियों और मार्गों का अनुसरण हमारे प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण तथा अन्य महापुरुषों ने किया उसी का अनुसरण अपने जीवन मे हम सब भी करें और समाज के आस्तित्व के लिए खतरा बन चुकी शक्तियों का मुकाबला करने के लिए अपने चरित्र में क्षात्रत्व का भाव जगाएं और पुनः विश्व को अतुलित बलशाली और शौर्यवान सनातन धर्म के दर्शन करा दें।
शाहजहांपुर से आये आचार्य कमल शास्त्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठ सकते हम किसी के शत्रु नहीं पर जो लोग अकारण मजहबी उन्माद में हमारा अस्तित्व मिटाने पर तुले हैं उनको उनकी ही भाषा में समझाना ही पडेगा। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म ग्रंथों ने भी धर्मो रक्षति रक्षतः कहा है अर्थात यदि हम चाहते हैं कि धर्म हमारी रक्षा करे टी पहले हमें धर्म की रक्षा करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में सन्यासियों को भी समाज की सुरक्षा हेतु शस्त्र धारण करने पड़े हैं चाहें भाई लक्ष्मणदास भारद्वाज रहे हों या गुरु गोविंद सिंह जी सनातन धर्म पर जब जब संकट आया है सन्तों ने भी एक हाथ मे माला और दूसरे हाथ मे भाला रखा है। अतः शस्त्र के बिना शास्त्रों की भी रक्षा नहीं होती।
मुंबई से आये हुए इंडियन आइडल के प्रतिभागी रहे आचार्य नीरज गौतम ने अनेक सुमधुर भजनों को प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। गुरुकुल रुद्रपुर की आर्य कन्याओं ने प्रतिदिन वेद पाठ कर सभी को वेदों द्वारा प्रदर्शित पथ पर चलने हेतु प्रेरित किया तथा विभिन्न योग आसनों का प्रदर्शन किया। रुद्रपुर गुरुकुल के आचार्यों ने सदियों पुरानी शब्द भेदी वाण का साक्षात प्रदर्शन कर सबको अचम्भित कर दिया वहीं विभिन प्रकार की तीरन्दाजी के कौशल का अनूठा प्रदर्शन किया।
प्रातः कालीन सत्र में वेदों की ऋचाओं के लयबद्ध पाठ के साथ यज्ञ हुआ जिसमें पीलीभीत के प्रख्यात सर्जन और क्षत्रिय महासभा के संरक्षक डॉ पी डी सिंह, क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री सुखवीर सिंह भदौरिया, पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी नरेंद्र पाल सिंह, महेंद्र सिंह धामी, मुकेश आर्य, प्राज्ञदेव विद्यालंकार, कृष्णलाल आर्य, कृष्ण कुमार मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित रहे जिनका स्वागत राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के जिला प्रतिनिधि कपिल अग्रवाल और नगर के पूर्व चेयरमैन अजय गोयल ने आयोजन समिति के सदस्यों के साथ किया। कार्यक्रम के अंत मे ऋषि के लंगर में क्षेत्र के हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य भानु प्रताप सिंह और हरीश शास्त्री ने किया।