कर्नाटक में वक्फ बोर्ड के सभी जमीन के रजिस्ट्रेशन को रोका जाए-आर अशोक

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कर्नाटक में किसानों की जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किए जाने को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में अब कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया है कि वक्फ अधिनियम में संशोधन की संभावना को देखते हुए वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई भूमि को पंजीकृत करने की जल्दबाजी की जा रही है.

उन्होंने अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे राज्य को निर्देश दें कि जेपीसी की कार्यवाही पूरी होने तक वक्फ बोर्ड के ऐसे सभी पंजीकरण तुरंत रोक दिए जाएं.

उन्होंने अपने लेटर में कहा, “राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड ने कथित तौर पर राजस्व रिकॉर्ड में फेरबदल करना शुरू कर दिया है. सरकार  किसानों की जमीन का स्वामित्व वक्फ को हस्तांतरित करने की कोशिश कर रही है. अगर ऐसा हो जाता है तो कर्नाटक के हजारों किसान और गरीब लोग अपने न्यायोचित और पैतृक संपत्ति अधिकारों से वंचित हो जाएंगे.”

भाजपा नेता के अनुसार, यह मुद्दा तब सामने आया जब विजयपुरा जिले में लगभग 15,000 एकड़ भूमि पर दावों के संबंध में सैकड़ों किसानों को नोटिस भेजे गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड कर्नाटक के प्रत्येक जिले में गुप्त तरीके से लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर दावा कर रहा है.

उन्होंने अपने लेटर में कहा, “वक्फ बोर्ड मंदिरों, मठों और अन्य धार्मिक संगठनों की जमीनों पर भी दावा कर रहा है. इसके अलावा हिंदू समुदायों के कब्रिस्तानों पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों को पंजीकृत करने के इन जल्दबाजी भरे प्रयासों ने लोगों में असुरक्षा और दहशत पैदा कर दी है और हावेरी जिले में हिंसा भड़क उठी है.” उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि वे कर्नाटक के मुख्य सचिव को निर्देश दें कि वे वक्फ बोर्ड को सभी भूमि पंजीकरण तत्काल रोक दें.