बाराबंकीः पराली जलाने से नाराज प्रशासन ने किसानों के खिलाफ ठोका मुकदमा, वसूला जुर्माना
विधान केसरी समाचार
बाराबंकी। जिले में एक ओर जहां जोरो से धान को कटाई हो रही है वहीं पैरा (पराली) रखने की व्यवस्था ना होने से किसान खेतों में ही धड़ल्ले से उसे जलाने का कार्य कर रहे है जिससे वायु प्रदूषण फैलता जा रहा है। किसानों द्वारा खेतो में पराली जलाने की अधिक घटनायें सामने आने के दृष्टिगत कृषि विभाग के समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं उपजिलाधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा नियमित रूप से विभिन्न विकास खण्डों में भ्रमण कर पराली प्रबन्धन का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके बावजूद पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं से परेशान अधिकारियों द्वारा पराली जलाते हुए पकड़े जाने वाले किसानों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है। समझाने एवं मना करने के बावजूद पराली जलाने वाले किसानों के विरूद्ध संबंधित धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए जनपद के उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि आज तक अद्यतन तिथि तक 78 किसानों पर 01 लाख 95 हजार रुपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जा चुका है। विगत दिवसों में भ्रमण के दौरान मौके पर बिना एस.एम.एस. के संचालित 8 कंबाइन मशीन को सीज किया गया है। इसके अतिरिक्त भारतीय न्याय संहिता की धारा 223, 270, 280 के अंतर्गत 08 व्यक्तियों अखिलेश निवासी ग्राम असोहना फतेहपुर, संतराम निवासी ग्राम गंगौली फतेहपुर, राम नारायण निवासी ग्राम धौसार फतेहपुर, मिथिलेश कुमारी निवासी ग्राम तिलरन, कमलेश कुमार निवासी वाजिदपुर, सुरेश निवासी ग्राम खैरातपुर, कमल निवासी ग्राम असोहना एवं राम सरन निवासी वाजिदुपर, फतेहपुर के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि पराली जलाने पर 02 एकड़ तक 2500- व 02 एकड से 05 एकड तक 5000- तथा 05 एकड से अधिक पर 15000- रू० तक के जुर्माने का प्राविधान हैं।
पराली प्रबन्धन के प्रचार प्रसार हेतु समस्त विकास खण्डों में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्यों का सम्मेलन एवं जागरूकता कार्यक्रम 18 अक्टूबर एवं 19 अक्टूबर को आयोजित किया जायेगा। साथ ही गावों में मुनादी के माध्यम से भी पराली प्रबन्ध का प्रचार प्रसार कराया जा रहा है। किसान भाईयों से अनुरोध है कि कृपया पराली न जलाये क्योकि इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा इससे खेत की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है तथा खेत के सभी प्रकार के मित्रकिट भी नष्ट हो जाते हैं।