अमेठीः भागवत कथा: भक्तों के कल्याण के लिए होता है भगवान का अवतार

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विधान केसरी समाचार

गौरीगंज/अमेठी। भक्त जब आर्त होकर भगवान को पुकारते हैं तो भगवान उनकी रक्षा के लिए दौड़े चले जाते हैं। भगवान के विविध अवतार भक्तों की रक्षा के लिए ही हुए हैं। जीवन में कष्टों निवारण के लिए ईश्वर स्मरण करते रहना चाहिए। क्षेत्र के सैठा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा की चैथे दिन कथा व्यास डॉ. काशी नरेश आचार्य जी महाराज ने भगवान की विविध लीलाओं का वर्णन किया। कथा व्यास ने गजेंद्र मोक्ष की कथा बताते हुए कहा कि जब ग्राह्य ने गज को पकड़ लिया तो गज ने अत्यंत दुखी भाव से भगवान का स्मरण किया और भगवान ने ग्राह्य को मार कर गज का उद्धार किया। उन्होंने महाराज अंबरीष की कथा अभी सुनाई और एकादशी के महात्म्य का वर्णन किया।

देवासुर संग्राम और उसके बाद समुद्र मंथन का रोचक वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि देवताओं की श्रद्धा भगवान के चरणों में थी इसलिए उन्हें अमृत पान करने को मिला। जबकि असुर भगवान को नहीं मानते थे इसलिए उनके हिस्से में विष आया। कथा व्यास ने भगवान राम के अवतार की कथा भी भक्तों को सुनाई। इसके बाद कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। पूरा प्रांगण हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के जयकारे से गूंज उठा। कार्यक्रम का आयोजन पवन सिंह द्वारा किया गया है। इस मौके पर मुख्य यजमान सीता देवी अंजनी सिंह अनिल सिंह,ज्ञानेंद्र,पूर्व प्रधान राकेश सिंह,सत्य देव सिंह लहेगा, समेत हजारों लोग मौजूद रहे।