13 ग्राम पंचायतों को टी0वी0 मुक्त बनाने वाले ग्राम प्रधानों को जिलाधिकारी ने प्रशस्ति-पत्र देकर किये सम्मानित।
दिनेश पाण्डेय: जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयन्ती समारोह के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये, इस मौके पर जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी जी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये, इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)सहदेव कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी(नमांमि गंगे) रोहित यादव, उप जिलाधिकारी मुख्यालय प्रमोद तिवारी सहित अधिकारीगण व कर्मचारीगणों ने राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये और कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी की राम धून ‘‘रघुपति राघो राजा राम, पतित पावन सीता राम‘‘ गाया गया, इसके पश्चात कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी उपस्थित जन मानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी जी भारत देश की ही नहीं पूरे विश्व की धरोहर के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए कठिन संघर्ष करते हुए अंग्रेजों के शासन से मुक्ति दिलाते हुए देश को आजादी दिलायी, उन्हांेंने कहा कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाॅधी जी के संघर्षों को जीवन में आत्मसात करने के लिए जिन व्यक्तियों को जो भी जिम्मेदारी दी गयी है, उसका वह संम्यक निर्वाहन करें और समाज के अन्तिम पायदान पर रहने पर वाले व्यक्ति को लाभान्वित करने का हर संभव प्रयास करें, उन्होंने कहा कि मानवीय प्रवृत्ति है कि हम दूसरे को गुलाम बनाने का हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन खुद किसी का गुलाम बनना पसंद नहीं करते हैं, अधिकारियों व कर्मचारियों को संवेदनशील होते हुए व्यक्ति की समस्या को समझते हुए उचित ढंग से निराकरण करना चाहिए और जो जिस पद पर जहां कार्यरत हैं पूरी तत्परता के साथ अपने को जनसेवक मानते हुए जनता के कार्याें को पूरा करें, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता ही संकल्प अभियान का शुभारंभ किया था, यह अभियान अब जन आन्दोलन अभियान के रूप में विकसित हुआ है स्वच्छता को अपनाने के कारण व्यक्ति अनेक बीमारियों से बच रहा है, जिलाधिकारी ने गांधी जी व पूर्व प्रधान मंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन मूल्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए त्याग, समर्पण, सेवा, सत्य व अहिंसा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए महापुरूषों के विचारों को आत्मसात करने पर बल दिया।