बीसलपुर: रसयांखानपुर मार्ग पर स्थित झोला छाप डॉक्टरों पर चलेगा सीएमओ का चापुक, दिया कार्रवाई का आश्वासन
विधान केसरी समाचार
बीसलपुर। तहसील क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है। यह झोलाछाप डॉक्टर अपने को एमबीबीएस से कम नहीं मान रहे हैं। इस संबंध में जागरूक नागरिकों ने इसकी शिकायत जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक कुमार शर्मा से की। जिसको संजान में लेते ही शीघ्र इनके खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है कि बीसलपुर रसयांखानपुर मार्ग पर भड़रिया मोड, गांव अमृता खास, रढैता, रसयांखानपुर, शाहबाजपुर, दौलतपुर हीरा सहित कई ग्रामों में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर बैठे हुए हैं और भोले भाले मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह मरीज को हरी पीली दवा देकर मौत बांट रहे हैं। जबकि उनकी योग्यता मात्रा मैट्रिक पास है। अभी हाल में ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर लेखराज गंगवार ने रढैता के मेडिकल पर छापा मार कार्रवाई की थी लेकिन फिर यह दुकान खुल गई। आखिर कहां पर हुआ खेल इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को है।
मरीजों की जांच के नाम पर लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह झोलाछाप डॉक्टर अपनी कमीशन के चक्कर में गांव रढैता में बनी पैथोलॉजी से जांच करा कर मोटी रकम वसूल रहे हैं। पैथालॉजी स्वामी मरीज के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके पास जांच करने की कोई डिग्री नहीं है न ही कोई मशीन है। कंप्यूटर द्वारा फर्जी जांच बनाकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। झोला डाक्टर का अच्छा कमीसन आ रहा है। इन पैथालॉजी स्वामियों से रकम वसूल रहे हैं। मरीजों के लिए खून टेस्ट के नाम पर टाइफाइड, मलेरिया, टीवी, गुर्दा की जांच, लीवर की जांच सहित कई जांच कर मोटी रकम वसूल रहे हैं। जबकि उनके पास जांच की कोई योग्यता नहीं है न ही मशीन है। लेकिन यह भोले भाले मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर जांच लिख देते हैं और पैथोलॉजी स्वामी जमकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। कस्बा चुर्रासकतपुर में तीन पैथोलॉजी पैथोलॉजी, रिछोला सबल में दो पैथोलॉजी हैं जिनसे मरीजों की जांच कराई जाती है। इन झोलाछाप डाक्टरों ने एक ऐसा बिजनेस बना रखा है जिससे वह एक माह में ही लाखों की संपत्ति अर्जित कर लेते हैं। इसके अलावा चुर्रासकतपुर, रिछोला सबल, महादेवा में कई फर्जी मेडिकल स्टोर चल रहे हैं। जिनके पास स्टोर चलाने की डिग्री नहीं है। उनकी योग्यता मात्रा मैट्रिक पास है लेकिन यह स्टोर चला रहे हैं। उनके पास बीफार्मा, डीफार्मा की डिग्री नहीं है। दूसरे का लाइसेंस लेकर स्टोर चलते हैं और नशीली दवाई बेचने का कारोबार बड़े पैमाने से कर रहे हैं। इसके अलावा इन गांव में झोलाछाप डॉक्टर जमकर बैठे हुए हैं और भोले भाले मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि चुर्रासकतपुर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है वहां पर मरीज नहीं जा रहे हैं और झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाकर अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस संबंध में समुदाय स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर लेखराज गंगवार द्वारा बताया गया है कि लगातार छापा मार कार्रवाई की जा रही है लेकिन यह अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। उनके खिलाफ अभियान चलाकर फर्जी क्लीनिक पैथोलॉजी एवं फर्जी मेडिकल स्टोर बंद कराए जाएंगे।