मुझे समझाने में मेरी बेटी को लगे 10 साल-सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल में ही 9वीं नेशनल एनुअल स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन ऑन चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने खुद के वीगन बनने के पीछे की वजह शेयर की.
उन्होंने कहा कि यह ऐसी जीवनशैली अपनाने के बारे में है जिसमें क्रूरता को स्वीकार नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने उन्हें ‘क्रूरता-मुक्त जीवन’ जीने के लिए प्रेरित किया है.
सीजेआई ने इस दौरान अपनी बेटी माही के बारे में बात की. उन्होंने कहा वो पर्यावरण को प्यार करती है. वो क्रूरता-मुक्त जीवन जीने में विश्वास करती है. उसके पास 8 बिल्लियां हैं. उन्होंने आगे कहा, “वो क्रूरता-मुक्त जीवन जीने के लिए कहती रहती है. मुझे मनाने में उसे 10 साल लग गए और कभी-कभी न्यायाधीशों को भी मनाने में काफी समय लग जाता है.”
वीगन होने के पीछे का कारण बताते हुए सीजेआई ने कहा, ‘मैंने शाकाहार को अपनाया क्योंकि शाकाहार का मतलब सिर्फ शाकाहारी होना और अपने आहार से डेयरी और शहद को बाहर करना नहीं है. इसका मतलब ऐसी जीवनशैली अपनाना भी है जिसमें क्रूरता को स्वीकार न किया जाए.
बता दें कि इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया था कि अब वह और उनकी पत्नी रेशम या चमड़े से बने प्रोडक्ट नहीं खरीदते हैं. इसके लिए भी उनकी बेटियों ने ही उन्हें प्रोत्साहित किया था. उनकी बेटियों ने उन्हें बताया कि यह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वह ऐसा कुछ न पहनें जो क्रूरता का प्रोडक्ट हो.
वीगन का मलतब होता है कि एक व्यक्ति जानवरों से मिलने वाले किसी भी भोजन (जैसे मांस, अंडे या डेयरी प्रोडक्ट) का सेवन न करता है. इसके अलावा वो एनिमल प्रोडक्ट जैसे चमड़े का यूज भी नहीं करता है.