लखीमपुर खीरी: किसानों का लहलहाता गन्ना जान का दुश्मन, इंसान भी बेबसः लखीमपुर खीरी में जंगली जानवरों का आतंक, गन्ने के खेतों में छिपे खतरे का खुलासा
विधान केसरी समाचार
लखीमपुर खीरी । लखीमपुर खीरी में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक इंसानों के लिए दहशत का पर्याय बन गया है। बाघ, तेंदुआ और भेड़ियों की चहलकदमी ने ग्रामीणों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया है। वन विभाग के अनुसार, किसानों द्वारा उगाए गए गन्ने के खेत ही अब जंगली जानवरों के लिए आफत का कारण बन गए हैं।
वन्यजीवों के अनुकूल वातावरण
वन मंत्री की समीक्षा बैठक में डीएफओ दक्षिण खीरी वन प्रभाग, संजय कुमार बिश्वाल ने जानकारी दी कि गोला और मोहम्मदी क्षेत्रों में वन्यजीवों के अनुकूल वातावरण के कारण इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। जंगली जानवर गन्ने की फसल को वनावरण समझकर इन क्षेत्रों में प्रवास करने लगे हैं। इससे मनुष्यों के साथ संघर्ष की घटनाएं बढ़ गई हैं।
हालिया घटनाएं
28 अगस्तः हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव इमलिया निवासी अम्बरीश कुमार (45) गन्ने की पत्तियां बांधने खेत में गए थे। देर शाम उनका अधखाया शव गन्ने के खेत में मिला।
3 अगस्तः बांकेगंज इलाके के गांव बलारपुर में 13 वर्षीय जानकी को बाघ ने जबड़े में दबाकर गन्ने के खेत में खींच लिया। जिससे उसकी मौत हो गई।
30 जुलाईः खीरी थाने के गांव डीहपुरवा निवासी 10 वर्षीय कृष्णकांत को किसी जंगली जानवर ने मार डाला। उसे बचाने आए युवक को भी जानवर ने घायल कर दिया था। ग्रामीणों ने बाघ या तेंदुआ का हमला होने की आशंका जताई थी।
1 अगस्तः खीरी थाना क्षेत्र में एक दस वर्षीय बालिका को जंगली जानवर ने अपना निवाला बना लिया।
2 अगस्तः शारदा वन रेंज के मैनहा गांव में 9 वर्षीय बच्चे को तेंदुआ ने मार डाला। उसका अधखाया शव गन्ने के खेत में मिला।
इन घटनाओं ने ग्रामीणों में दहशत फैलाकर रख दी है। इस स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग बढ़ गई है।