भूत पिशाच, अंधविश्वास और आस्था का बढ़िया बैलेंस दिखाती है ये फिल्म
November 06, 2025
क्या भूत होते हैं? क्या आत्माएं भटकती हैं? बहुत से लोग ये मानते हैं कि भूत होते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि ये अंधविश्वास है. ऐसा कुछ नहीं होता. ये फिल्म इसी सवाल को उठाती है कि क्या भूत होते हैं. ये फिल्म आस्था और अंधविश्वास के बीच की लकीर को बड़े कायदे से समझाती है. देश के कई बड़े मंदिरों का जिक्र करती है. लॉजिक पर भी बात करती है और आपको एक अलग तरह से एंटरटेन भी करती है.
ये एक सुपरनेचुरल थ्रिलर है और अपनी तरह की एक अलग फिल्म है. इस तरह की फिल्मों का दर्शक आज खूब है. इस तेलूगु फिल्म को हिंदी डब में थिएटर में रिलीज किया गया है और कुछ अलग देखना चाहता है और भूत प्रेत की कहानियां पसंद हैं तो आप ये जरूर देखिए. शिव भक्तों को यहां एक सरप्राइज भी मिलेगा.
कहानी
एक लड़का जब इस डर के बारे मर जाता है कि उसे भूत पकड़ लेगा तो उसका दोस्त घोस्ट हंटर बनने का फैसला करता है, वो ये साबित करना चाहता है कि भूत नहीं होते. बस उनका डर होता है. फिर उसे पता चलता है कि एक जगह एक धन पिशाचिनी का खौफ है. लोगों का कहना है कि वहां काफी सारा सोना दबा हुआ है और धन पिशाचिनी उसके बदले बलि मांग रही है. बहुत से लोग उसे सोने को हासिल करने के चक्कर में मारे भी जाते हैं. इस जगह से इस घोस्ट हंटर का एक कनेक्शन भी निकल जाता है. ये क्या है, इसे देखने आपको थिएटर जाना होगा.
कैसी है फिल्म?
ये अपनी तरह की एक अलग फिल्म है, कहानी शुरू से एक पेस पकड़ लेती है. अंधविश्वास और लॉजिक को साथ लेकर चलती है. फर्स्ट हाफ में कहानी काफी अच्छे से बिल्ड होती है, कई सीन आपको डर भी लगता है. सेकेंड हाफ में एक सीन रौंगटे खड़े कर देता है. दो कहानियों को जिस तरह से आपस में जोड़ा गया है वो काफी अच्छा है. आप हैरान होते हैं. चौंकते हैं. आपको डर भी लगता है और आप ये सोचते भी हैं कि क्या वाकई भूत होते हैं.
अगर आपको फिल्म का ट्रेलर पसंद नहीं भी आया था तो फिल्म पसंद आएगी. क्योंकि फिल्म में ट्रेलर से कहीं ज्यादा एंटरटेनमेंट है. हालांकि फिल्म में कुछ कमियां भी हैं. सेकेंड हाफ में स्क्रीनप्ले कई जगह हल्का सा भटकता है. थोड़ा सा मेलोड्रामा ज्यादा होता है लेकिन फिर फिल्म ट्रैक पर आ जाती है और एंड में शिव तांडव शिव भक्तों को खूब पसंद आएगा. कुल मिलाकर ये एक अलग तरह की फिल्म है और आप इस जोनर को पसंद करते हैं तो ये फिल्म आपको अच्छी लगेगी.
एक्टिंग
सुधीर बाबू ने बढ़िया काम किया है. उनका शिव तांडव तो कमाल है. वो इस किरदार में फिट लगे हैं. सोनाक्षी ने पिशाचिनी के किरदार में असर छोड़ा है. उनके डायलॉग ना के बराबर हैं क्योंकि किरदार ही ऐसा है. शिल्पा शिरोडकर का काम अच्छा है. इंदिरा कृष्णन ने अच्छा काम किया है. दिव्या खोसला कुमार खूबसूरत लगी हैं.
राइटिंग और डायरेक्शन
वेंकट कल्याण ने फिल्म को लिखा है. अभिषेक जायसवाल और वेंकट कल्याण ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और इनका काम अच्छा है. हालांकि, सेकेड हाफ का स्क्रीनप्ले और बेहतर होता तो ये और अच्छी फिल्म बनती है
