रायबरेलीः भारी बारिश के बीच हुआ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन
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डलमऊ/ रायबरेली। शारदीय नवरात्र समापन के पश्चात विजयदशमी के दिन विभिन्न जनपदों एवं क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने भारी बारिश के बीच ही देवी की प्रतिमाओं का भू विसर्जन किया। वही पुलिस प्रशासन की कड़ी मुस्तैदी के बीच श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराया गया ।बुधवार को विजयदशमी के शुभ अवसर पर विभिन्न क्षेत्र एवं जनपदों से श्रद्धालुओं द्वारा देवी की प्रतिमाओं को डलमऊ गंगा घाट पर लाया गया। यहां पर गंगा नदी के तट पर प्रशासन के निर्देश पर खोदे गए गड्ढे में देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया बुधवार को देर शाम तक कुल 446 देवी देवताओं की प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं द्वारा डलमऊ गंगा घाट पर लाया गया जिसमें से 167 बड़ी प्रतिमा और 279 छोटी देवी देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन कराया गया। जबकि गंगा घाट पर बना कंट्रोल रूम बारिश की वजह से भीख गया था। वहीं देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन कराने के लिए प्रशासन द्वारा खोदे गए गड्ढे में पानी की मात्रा अधिक थी जिससे श्रद्धालु दल दल के बीच देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन करने लगे। श्रद्धालुओं ने कई बार प्रशासन से गड्ढे में पानी डाले जाने की बात भी कही लेकिन कई घंटे तक शासन पानी की व्यवस्था नहीं करा सका जिसके पश्चात श्रद्धालुओं में प्रशासन के विरुद्ध रोष व्याप्त रहा।
कीचड़ के बीच फंसे रहे श्रद्धालुओ के वाहन
डलमऊ कस्बे के छोटे मठ एवं बड़े मठ घाट के मध्य स्थित गंगा तट पर देवी की प्रतिमाओ का भू विसर्जन कराने का कार्यक्रम बुधवार के दिन सुबह से ही प्रारंभ हो गया। वहीं प्रशासन को भी काफी संख्या में देवी की प्रतिमाओं का आने का अनुमान नहीं था जिसकी वजह से घाटों पर चहु ओर बारिश की वजह से अवस्थाओं का अंबार लगा है। प्रतिमा विसर्जन स्थल पर ट्रैक्टर ट्रालियो की भारी भीड़ लगी रही इतना ही नहीं मूर्ति विसर्जन के पश्चात श्रद्धालुओं को वाहन स्टैंड से अपने-अपने वाहनों को निकालने में दो-चार होना पड़ा। मूर्ति विसर्जन स्थल पर अस्थाई बनाए गए मेला कैंप में देर तक एसडीएम आशाराम वर्मा, क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिंह, कोतवाली प्रभारी पंकज तिवारी, डलमऊ चैकी प्रभारी सुनील कुमार वर्मा क्षेत्रीय लेखपाल शिवम सिंह राठौर,नगर पंचायत लिपिक शोहराब अली सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
बारिश ने फीका किया दशहरा मेला
डलमऊ कस्बे के मोहल्ला चैरासी में दशहरा मेला एवं रावण दहन का कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष होता है, इस वर्ष दशहरा मेला एवं रावण दहन की सारी व्यवस्थाएं स्थानीय लोगों द्वारा की गई थी। आसपास के क्षेत्रों से मेला स्थल पर विभिन्न प्रकार की दुकानें भी सजी हुई थी लेकिन अचानक बिगड़े मौसम और झमाझम बारिश के चलते दशहरा मेला एवं रावण दहन का कार्यक्रम महज परंपरा निभाते हुए मनाया गया, भारी बारिश ने दशहरा मेला का मजा फीका कर दिया सबसे ज्यादा नुकसान दुकानदारों को हुआ है बारिश के चलते मेला स्थल पर एक भी दुकाने नहीं लगी थी तो वहीं दूसरी तरफ परंपरा को मनाते हुए डलमऊ रामलीला कमेटी के कार्यकर्ताओं ने रावण दहन किया, मेला स्थल पर चारों ओर पानी भरा हुआ था।