गोरखपुरः फिराक जयंती पर वरिष्ठ कवि आचार्य रामधार व्याकुल व वरिष्ठ पत्रकार मुर्तजा हुसैन रहमानी को मिला फिराक सम्मान
विधान केसरी समाचार
गोरखपुर। उर्दू के प्रख्यात शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी की जयंती पर फिराक साहब सेवा संस्थान की ओर से बनवारपार में उनकी जयंती पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही कवि सम्मेलन – मुशायरा व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें देश और प्रदेश के ख्यातिप्राप्त कवियों और शायरों ने कार्यक्रम में शामिल होकर फिराक गोरखपुरी के गांव बनवारपार में फिराक को जीवंत कर दिया। इस मौके पर फिराक साहब विघा मंदिर बनवारपार के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति कर लोगों को भावविभोर कर दिया। उसके बाद लोक गायिकी के अंतर्गत बिरहा का आयोजन हुआ। तत्पश्चात कवि सम्मेलन और मुशायरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व धर्मार्थकार्य राज्यमंत्री एवं चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी ने मां सरस्वती के चित्र माल्यार्पण किया। उसके उपरांत फिराक गोरखपुरी की प्रतिमा को नमन कर कार्यक्रम का आगाज किया।
फिराक गोरखपुरी की जयंती पर वरिष्ठ कवि आचार्य रामधार व्याकुल को मुख्य अतिथि विधायक राजेश त्रिपाठी ने 51000 (एक्यावन हजार रुपये) का फिराक सेवा संस्थान की ओर से चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं वरिष्ठ पत्रकार मुर्तजा हुसैन रहमानी द्वारा फिराक गोरखपुरी के जीवन पर लिखी गयी पुस्तक दास्तान-ए- फिराक का विधायक राजेश त्रिपाठी, गोविवि हिन्दी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रामदरश राय, डा. फूलचन्द त्रिपाठी , आरबी यादव, फिराक साहब सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं गोला तहसील के सुलह अधिकारी डा. छोटे लाल यादव, राजेश्वर सिंह, डा. प्रवीण तिवारी, रमेश चन्द्र तिवारी ने विमोचन किया। तत्पश्चात वरिष्ठ पत्रकार एवं दास्तान – ए – फिराक के लेखक मुर्तजा हुसैन रहमानी को वर्ष 2022 का फिराक अवार्ड 11000 (ग्यारह हजार रुपये) का नगद पुरस्कार, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति – पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि फिराक गोरखपुरी के जीवन पर आधारित पुस्तक दास्तान-ए- फिराक को वरिष्ठ पत्रकार मुर्तजा हुसैन रहमानी ने लिखकर जीवंत कर दिया है। उन्होंने फिराक के स्मृतियों को सजोने का सराहनीय प्रयास किया है। उन्होंने किताब के लेखक मुर्तजा हुसैन रहमानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि फिराक की धरती अदब की धरती है। सदियों बाद कभी होता है कोई फिराक जैसा एक मनीषी। त्रिपाठी ने कहा कि फिराक अदब की दुनिया के एक अजीम शख्सियत हैं। उन्होंने उर्दू को एक नया फरोग देकर अपनी शायरी का पूरी दुनिया में लोहा मनवाया है। ऐसे महान शायर की धरती पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जो हम लोगों को गौरवान्वित होने का एहसास करा रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप बनवारपार में फिराक पर्यटक स्थल बनाने की कार्य योजना प्रारम्भ हो चुकी है। त्रिपाठी ने कहा कि हमारी सरकार आजादी के अमृत महोत्सव की बुनियाद पर देश की आजादी में अपना जीवन अर्पण करने वाले कुछ गुमनाम शहीदों के नाम की खोज को जारी रखे हुए है। उन शहीदों की भी स्मृति में स्थलों की स्थापना की जाएगी।जो सभी के लिए स्मरणीय रहेगी।
इस मौके पर गोला तहसील के सुलह अधिकारी एवं फिराक साहब सेवा संस्थान के अध्यक्ष डा. छोटे लाल यादव फिराक गोरखपुरी को नमन करते हुए कहा फिराक गोरखपुरी के जीवन पर वरिष्ठ पत्रकार मुर्तजा हुसैन रहमानी ने दास्तान-ए- फिराक को लिखकर अजर और अमर कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिराक की जन्मभूमि पर मैं जन्म लेकर गौरवान्वित हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि उर्दू के प्रचंड शायर फिराक गोरखपुरी की विरासत को बचाने का प्रयास कर रहा हूं। जिसमें सभी का सहयोग और योगदान मिल रहा है। डा. छोटे लाल यादव ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया।
फिराक जयंती को डा. रामदरश राय, आरबी यादव, भिखारी प्रजापति, डा. फूलचन्द तिवारी, राजेश्वर सिंह, इमामचैक मुतवल्ली एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्लाह एवं राष्ट्रवादी जनमंच के अध्यक्ष जावेद अंसारी ने सम्बोधित किया।
इस मौके पर वरिष्ठ कवि आचार्य रामअधार व्याकुल, मुर्तजा हुसैन रहमानी, तालिब गोरखपुरी, महीप श्रीवास्तव, प्रवीण श्रीवास्तव, शम्भूनाथ मिश्र, वीके प्रजापति, दयानंद तिवारी, राजमंगल यादव, रमेश चन्द्र त्रिपाठी, जयप्रकाश मिश्र, राजेन्द्र, अमरनाथ, अरविंद, शम्भू शरण यादव एवं राजमंगल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।