सहारनपुरः दारूल उलूम देवबंद आतंकवादी संगठनों की जननी: नरसिंहा नंद गिरी

 

 

विधान केसरी समाचार

 

सहारनपुर। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहा नंद गिरी महाराज ने देवबंद दारुल उलूम को समस्त आंतकवादी संगठनों की जननी बताते हुए कहा कि विश्व भर में हो रहे कत्लेआम के लिए यही जिम्मेदार है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि देश भर के समस्त मदरसों को प्रतिबंधित किया जाए और देवबंद के करौंदी में बनने वाले संस्थान को तत्काल रोका जाए।

महामंडलेश्वर नरसिंह नंद गिरी महाराज आज यहां जीपी रोड स्थित एक होटल के सभागार में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने देवबंद दारुल उलूम को जिहादियों का सबसे बड़ा केंद्र बताते हुए कहा कि विश्व भर में चल रहे आंतकवादी संगठनों के बनाने का यह शिक्षण संस्थान है। उन्होंने कहा कि आज इस्लामी गतिविधियां इतनी बढ़ गई हैं कि यदि हिंदू समाज समय रहते अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हुआ, तो 2029 में मुस्लिम देश का प्रधानमंत्री होगा। उन्होंने कहा कि केवल सरकार के भरोसे रहकर हम अपनी सुरक्षा नहीं कर सकतें। उन्होंने कहा कि प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने जो मोहम्मद किताब लिखी है, उसका उन सभी को अध्ययन करना चाहिए और उस पर गौर भी करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि अब इस्लामिक लोग अपनी आबादी बढ़ाकर देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था पर अपना कब्जा करना चाहते हैं और वह योजना के तहत 40 प्रतिशत लोगों की हत्या करना चाहते हैं और 50 प्रतिशत लोगों का धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं तो 10 प्रतिशत लोगों को उनके हाल पर छोड़ देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की हिंदुओं की बदहाल स्थिति के लिए गांधी और नेहरू पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को वह देवबंद के करौंदी गांव में जाएंगे और जहां मुस्लिम संगठनों द्वारा संस्थान मनाया जा रहा है, उसे रोकने का काम किया जाएगा और हिंदू समाज के लोगों से अपील की गई कि वह अपनी जमीन ना बेचे। इस अवसर पर वंदे मातरम मिशन के संयोजक विजयकांत चैहान ने महामंडलेश्वर को तलवार भेंट कर उनका सम्मान किया। इस मौके पर मुकुल त्यागी, विपुल त्यागी, अमित यादव, स्वरूप राम सिंह, दिनेश, जीएस तोमर, देवेंद्र सिंह, उदयवीर सिंह, सोनू यादव, अनुराग राय आदि मौजूद रहे।