प्रयागराज: बसपा के प्रत्याशी घोषित होते ही चायल विधानसभा में बढ़ी सरगर्मी, पढे पूरी रिपोर्ट
विधान केसरी समाचार
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के चुनाव में जहाँ बीजेपी के तमाम जगह विधायक हैं वहीँ विपक्ष की तरफ से सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने अपने प्रत्याशी उतारने चालू कर दिए हैं . इसी क्रम में कौशाम्बी की चायल विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी से विधायक संजय कुमार गुप्ता हैं तो समाजवादी पार्टी से दर्जनों दावेदार हैं जिसमें आसिफ जाफरी , आस्था पटेल , राकेश पटेल ,अशोक यादव आदि . बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण समाज से अतुल दिवेदी को अपना प्रत्याशी बनाया है .।
कौशाम्बी के तीनो विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी मजबूत मानी जाती है, चायल में 2017 के पहले आसिफ जाफरी बसपा के विधायक रहे उसके पहले दयाराम पासी बसपा से ही विधयक होते रहे , 2017 में चायल से बसपा तीसरे नंबर थी , इस बार बसपा ने अपने प्रत्यशी के रूप में अतुल दिवेदी को अपना प्रत्याशी बना कर सोशल इंजनियरिंग के फॉर्मूले को अपनाया है ।.
चायल के हर चोराहे पर अब राजनीती पर चर्चा होने लगी है और जनता समीकरण बैठने में लग गयी है , सबसे ज्यादा डर बीजेपी को है कि अगर अतुल दिवेदी बीजेपी के परंपरा गत वोट में सेंघमारी करने में सफल रहे तो परिणाम कुछ हो सकता है ।
सैयद सरावा, बबुआ मोड़, बाबातारा, बलि पुर टाटा, नतका, तिल तारा, बलि पुर टाटा चैराहा, रेहणा, सटई, सिंह पुर, चैराडीह, गिरिया खालसा आदि गावों में लोगों से बात करने पर पता चला कि इस बार चुनाव सीधा नहीं है , पहले लगता था की बीजेपी के लिए रास्ता आसान होगा लेकिन चायल का सामाजिक समीकरण और समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजपार्टी के नेताओं के मेहनत को देखते हुए लगता है त्रिकोणीय लड़ाई होनी है .
एक बात में बसपा प्रत्याशी अतुल दिवेदी ने कहा की चायल कि जनता ने बीजेपी को विकास के लिए वोट दिया था लेकिन विधायक जी ने अपना विकास तो किया लेकिन जनता के हिस्से में बेरोजगारी , मंहगाई और निराशा आयी . 2022 में जनता जवाब देगी और बसपा चायल से बहुत मजबूत है उनकी लड़ाई किसी से नहीं है बल्कि सब उनसे लड़ रहे हैं।