पहले दिन सिर्फ 9 मिनट चली पंजाब विधानसभा की कार्रवाई
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास करने के लिए सोमवार को पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) का स्पेशल सत्र बुलाया गया. विधानसभा सत्र के पहले दिन हालांकि कोई काम नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश में पिछले महीने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार को सोमवार को पंजाब विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई. 9 मिनट के बाद ही दिन की कार्रवाई को रद्द करने का एलान कर दिया गया.
अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला विधानसभा सत्र है. सदन ने पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां, पूर्व संसदीय सचिव रवींद्र सिंह संधू, नायब सूबेदार जसविंदर सिंह, सिपाही मंजीत सिंह, इफ्को अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई और स्वतंत्रता सेनानियों निरंजन सिंह और अविनाश चंद्र को श्रद्धांजलि दी. सदन ने सिपाही गज्जन सिंह और स्वतंत्रता सेनानी अर्जन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी.
खेल एवं युवा मामलों और शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने गत 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों और एक पत्रकार का नाम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्तावित किया. इसी तरह, विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने भी किसान आंदोलन में मारे गए सभी किसानों और कृषि श्रमिकों के नामों को प्रस्तावित किया. श्रद्धांजलि के दौरान सम्मान के तौर पर दिवंगत लोगों की स्मृति में कुछ पल का मौन रखा गया.
दो दिन के लिए बुलाए गए इस सत्र की कार्रवाई अब 11 नवंबर को होगी. 11 नवंबर को पंजाब विधानसभा में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए प्रस्ताव पास किया जा सकता है. इसके अलावा बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ भी पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास होना है. इन दोनों ही प्रस्तावों को पंजाब की सभी पार्टियों का समर्थन हासिल है