बहेडीः रेडियोलाजिस्ट के बिना चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्र, स्वास्थ विभाग मौन

 

विधान केसरी समाचार

 

बहेडी। सरकारी अस्पतालों से लाखों की अल्ट्रासाउंड मशीन सिर्फ इसलिए वापस हो जाती है, क्योंकि वहां रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं होती। वहीं क्षेत्र में ही आधा दर्जन अल्ट्रासाउंड केंद्र बिना पंजीयन व रेडियोलाजिस्ट के चल रहे हैं। एक कुछ माह पूर्व डिप्टी सीएमओ ने अभियान चलाकर कुछ केंद्रों को सील कराया था, लेकिन विभागीय साठगांठ से संचालन दोबारा शुरू हो गया। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में पिछड़ा होने के बाद भी बहेडी तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मनमाना काम हो रहा है। क्षेत्र में दर्जनों अल्ट्रासाउंड केंद्र बिना पंजीयन के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे हैं। कस्बे के कुछ एक केंद्रों को छोड़ दें तो न तो किसी के पास डिग्री है और न ही जानकारी। विभागीय मिलीभगत से इनकी दुकानदारी बेखौफ चल रही है। कुछ माह पूर्व अभियान चलाया तो कुछ की दुकानदारी थोड़े समय के लिए बंद जरूर हुई, लेकिन विभागीय मिलीभगत के चलते फिर से इनकी दुकानें चल रही हैं। अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर रेडियोलाजिस्ट का नाम जरूर लिखा रहता है, लेकिन इनकी उपस्थिति नहीं मिलती। अल्ट्रासाउंड जांच के नाम पर यहां चार सौ रुपये से पांच सौ रुपए लिए जाते हैं लेकिन इन केंद्रों पर जो जांच करते हैं वो प्रशिक्षित नहीं हैं। नगर के पंजाबी कॉलोनी स्थित बिना रेडियोलॉजिस्ट के अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित है जिसमे बिना प्रशिक्षित लोग जांच करते है। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की मिलीभगत से ये संचालित अगर कोई बड़ा अधिकारी क्षेत्र में आ जाये तो ये इन्हें जानकारी दे देते है और थोड़े समय के लिए सेंटर बन्द हो जाता अधिकारी के जाते ही दुबारा शुरू कर दिया जाता है।