आगराः दीपावली पर्व के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की अन्नकूट से भोग लगाकर की जाती हैं पूजा – श्री राजेश खुराना
विधान केसरी समाचार
आगरा/एत्मादपुर। संकट हरण मंदिर सखी बाबा राधा कृष्ण मंदिर दाऊजी महाराज गोवर्धन महाराज की एत्मादपुर विधानसभा के क्षेत्र में गोवर्धन की पूजा की गई श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया उनके दर्शन कर आनंद प्राप्त किया,दीपों के पांच दिवसीय दीपावली पर्व के अगले दिन घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत बना कर अन्नकूट से भोग लगाकर पूजा की जाती हैं।
इस संदर्भ में सदस्य आगरा स्मार्ट सिटी व अध्यक्ष आत्मनिर्भर एवं प्रदेश संयोजक – हिन्दू जागरण मंच,ब्रज प्रान्त उत्तर प्रदेश के सुप्रशिद्ध समाजसेवक राजेश खुराना ने सभी प्रदेश एवं देशवाशियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुये कहा कि शुभ दीपावली के पांच दिवसीय पर्व पर दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का दिन होता हैं। यह दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा से जुड़ा हुआ है। धार्मिक कथा के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए छोटी उंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया था। उस पर्वत के नीचे खड़े होने से सभी गोकुलवासियों की जान बच गई थी। इसी बात से खुश होकर गोकुलवासियों ने श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया था। तभी से इस दिन गिरिराज को 56 भोग लगाते हैं, जिसका उनकी पूजा में बेहद महत्व है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गोवर्धन पूजा मुहूर्त- सुबह 06रू36 बजे से सुबह 08रू47 बजे तक अवधि- 02 घंटे 11 मिनट शाम का पूजा मुहूर्त- दोपहर 03रू22 बजे से शाम 05रू33 बजे तक अवधि- 02 घंटे 11 मिनट है।
श्री खुराना के कहा कि अन्नकूट या गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई है। इसमें घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनका पूजन करते हैं। उसके बाद गिरिराज भगवान (पर्वत) को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है। इस पूजा में गाय, भगवान कृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा खास तौर पर की जाती है। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान कृष्ण ने इस दिन ही इंद्रदेव के अहंकार को खत्म किया था। इस पूजा को अन्नकूट पूजा के नाम से भी लोग जानते हैं। बता दें कि गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का भोग लगता है जो कि नई फसल और सभी सब्जियों से मिलकर बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत व गाय, बछड़ों आदि की आकृति बनाकर उनका पूजन किया जाता है। गोवर्धन पूजा वैसे तो पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में भी गोवर्धन पूजा धूमधाम के साथ की जाती है।