रमा एकादशी व्रत की पूजन विधि और महात्व, जानिए

 

आज रमा एकादशी है. इस दिन लोग पूरे दिन व्रत रखकर पूरे विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इस एकादशी का नाम लक्ष्मी जी के नाम पर है, इसलिए इसे रमा एकादशी कहा गया है. यह एकादशी चातुर्मास की अंतिम एकादशी है. कहा जाता है कि इस एकादशी पर व्रत रखने से जीवन में समृद्धि आती है. इसलिए कई लोग रमा एकादशी का व्रत रखकर पूरे विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं.

 

व्रत का महत्व
पद्म पुराण में रमा एकादशी व्रत का महत्व बताया गया है. इसके मुताबिक चिंतामणि और कामधेनु के समान रमा एकादशी व्रत में भी फल मिलता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से इंसान के पापों का नाश हो जाता है. उसे पूर्ण फल मिलता है. इस व्रत से धन की कमी दूर हो जाती है.

 

रमा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
तिथि- 1 नवंबर 2021
पारण समय- (2 नवंबर) सुबह 6:34 मिनट से 8:46 मिनट तक
पारण की अवधि-2 घंटे 12 मिनट

 

पूजा विधि
रमा एकादशी का व्रत एक दिन पहले ही यानी दशमी के दिन से शुरू हो जाता है. जो लोग रमा एकादशी का व्रत रखते हैं वो दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं कर सकते.
1. रमा एकादशी व्रत के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
2. स्नान के बाद व्रत संकल्प लें, मां लक्ष्मी-भगवान विष्णु की पूजा करें.
3. विष्णु, लक्ष्मीजी को तुलसी, दीप, नैवेद्य, धूप, और फल-फूल अर्पित करें.
4. रात को विष्णुजी का भजन-कीर्तन कर जागरण करना चाहिए.
5. द्वादशी को जरूरतमंद लोग या ब्राह्मणों को भोजन करा कर दान दें.
6. इसके बाद आप भोजन कर व्रत खोल पाएंगे.