अंबेडकरनगरः अकबरपुर शहर बारूद के ढेर पर प्रशासन बेखबर
विधान केसरी समाचार
अंबेडकरनगर। बारूद के ढेर पर शहजादपुर हल्की सी चिंगारी बड़ा धमाका कर सकती है और धमाके में जा सकती है कई जाने, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद पटाखों के अवैध भंडारण पर कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। अधिकारियों की लापरवाही से इस धंधे से जुड़े लोगों के हौसले बुलंद हैं और वे थोड़े से फायदे के लिए आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, शहर के कई इलाकों में पटाखे का कारोबार तेजी से फलने फू लने लगा है। लाइसेंस के नाम पर कई कुंतल विस्फोटक पदार्थ पटाखा व्यवसायियों द्वारा शहर के इर्द-गिर्द छुपा के रखा गया है और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर चोरी चुपके बारूद से शहर को सजा दिया गया। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इससे पूर्व में कई व्यवसायियों के यहां छापेमारी भी हुई थी जिसमें मानक से अधिक भारी मात्रा में पटाखे बरामद हुए थे। बावजूद चोरी चुपके धड़ल्ले से पटाखे का व्यवसाय कर रहे हैं।दीपावली पर जमकर आतिशबाजी होती है। लेकिन लोग यह भूल जाते हैं कि इससे न सिर्फ सेहत को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। लोगों की गहरी रुचि को देखते हुए कारोबारी कुछ बिना लाइसेंस घनी आबादी के बीच घरों में चोरी छिपे पटाखों को बेच रहे हैं। दीपावली पर बिकने वाले सुतली बम इसके प्रमाण हैं जिस पर न फैक्ट्री का नाम होता, न लाइसेंस संख्या। कम खर्च में निर्माण और कई गुना दाम में पटाखे की बिक्री के चक्कर में कारोबारी लोगों की जान से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते हैं। दीपावली में कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन पटाखों के अवैध भंडारण के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाया गया है। हर बार घटना होने के बाद पुलिस प्रशासन जागता है।ग्रामीण इलाकों तक फैला जाल शहर ही नहीं, पटाखों के अवैध भंडारण का जाल ग्रामीण इलाकों तक फैल चुका है। शहर के कई इलाके तो बारूद के ढेर में तब्दील हो चुके हैं।