कन्नौजः वनक्षेत्राधिकारी की मेहरबानी से लकड़ी माफिया वेलगाम, साहब ने लकड़ी माफिया को बेंच दिये सरकारी पेड़

 

विधान केसरी समाचार

 

जलालाबाद/ कन्नौज। चैंकिएगा नही जनाव! यह हकीकत है जब रक्षक ही बन बैठा भक्षक तो फिर खैर कहाँ । सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी पर्यावरण संन्तुलन को कायम रखने के लिये नित्यप्रति विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत तमाम तरह के बृक्षों का रोपण करवा रहे है। उधर विश्वव्यापी भयंकर महामारी से ग्रषित उत्तर प्रदेश मे सबसे बड़ी समस्या जीवन दायनी आक्सीजन गैस ही थी। जिसको पर्याप्त मात्रा मे करने के लिये सरकार बिना थके दिन रात एक कर रही है। पर्यावरण पर कोई आंच न आये इसकी बजह से स्पेशल तौर पर वन विभाग कार्य कर रहा है। मगर लोग कहते है कि चोरी जब भी होती है उसमें हांथ अपनों का ही होता है।

मामला जलालाबाद गुगरापुर क्षेत्र का है जहाँ वन एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये एक ऐसे शख्स को वन क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है जो शक्ल सूरत से तो बडे ही भोले भाले और ईमानदार नजर आते हैं मगर हकीकत मे उन्हें इस बक्त अवैद्य कमाई करने का बुखार चड़ा है। श्री मान जी ने अपने पेट की भूख मिटाने के लिये लकड़ी माफियाओं को लकड़ी काटने की खुली छूट दे रखी है। जब साहब का हफ्ता पानी फिक्स है तो फिर लकड़ी तो कटेगी ही। लकड़ी से लदी ट्राली पुलिस से बचने के लिये त्रिपाल डाल कर मेन रोड पर फड-फड की आवाज करती हुई सामने से गुजर जाती है मगर महोदय को कोई फर्क नही पडता। हकीकत है साहब ने जब से कुर्सी संभाली है तब से लकडी माफिया बेलगाम हो गये है। आपको बता दें कि साहब की भूख इतनी लम्बी है कि इन्होने सडक के किनारे खड़े सरकारी पेड भी लकड़ी माफिया के हांथो बेच दिये। यह यथार्थ है कि कुछ लोग सच बोलने से डरते है मगर मैं डरता नही हूँ जो हकीकत है वो आइना मै दिखाता रहूंगा।

 

प्रसासन मेरी बात सुने या न सुने मै अवैद्य कार्यो को उजागर करता रंहूगा। साहब यदि आपको गुरसहायगंज क्षेत्र में रहना है तो घूंस खोरी छोड दीजिए। नही तो निष्पक्ष पत्रकार की यह कलम यूंही चलती रहेगी। यह रुकेगी नही यह थकेगी नही आपकी हकीकत सामने आती रहेगी। उक्त मामले की भनक मंडल क्षेत्र के उच्चाधिकारीयो तक पंहुच चुकी है जिन्होने अतिशीघ्र जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है।