अंबेडकरनगरः अकबरपुर स्वर्ण व्यापारियों ने मिलकर कपड़ा व्यवसाय को घसीट कर कर दी पिटाई
विधान केसरी समाचार
अंबेडकरनगर। अकबरपुर कस्बा शहजादपुर में अतिक्रमण को लेकर व्यापारियों ने जमकर बवाल काटा। दुकान के साइड में अतिक्रमण करने को लेकर शहजादपुर स्थित पंजाब गवर्नमेंट और रवि ज्वेलर्स के बीच मारपीट। जिसमें स्वर्ण व्यापारियों ने मिलकर अपने दुकान के अंदर घसीट कर बंद कर दिया और पंजाब गारमेंट व्यवसाई की जमकर पिटाई कर दी। वायरल वीडियो में स्वर्ण व्यापारियों की गुंडागर्दी की तस्वीर सामने आई है। जिसमें दर्जनों प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यापारी एक राय होकर पंजाब गारमेंट को राजकुमार सर्राफा के दुकान के अंदर घसीट कर लात घुसे और बेल्ट से पिटाई कर रहे हैं। हालांकि सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने मामले को शांत कराया मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी दिया गया। जिस पर दोनों पक्षों ने पुलिस की मौजूदगी में लिखित समझौता भी किया। मगर मार्केट में चर्चा का विषय बना हुआ है कि अतिक्रमण हटाना नगर पालिका और पुलिस प्रशासन का काम है प्रशासन के ढुलमुल रवैया के कारण पूरी मार्केट अतिक्रमण की चपेट में है। जिसके कारण प्रतिदिन कभी राहगीरों से तो कभी दुकानदारों से विवाद हुआ करता है।
शहजादपुर मार्केट में चर्चा का विषय यह भी बना हुआ है कि प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यापारियों कि इस तरह गुंडागर्दी की तस्वीर जो सामने आई है बड़ी ही निंदनीय है। कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसने दे दिया। एक कपड़े व्यापारी को पीटने के लिए दर्जनों स्वर्ण व्यापारियों की फौज इकट्ठा हो गई और पिटाई कर दिया गया।
कपड़ा व्यवसाई दुकान के अंदर चीखता चिल्लाता रहा मगर दर्जनों की तादाद में स्वर्ण व्यापारियों ने पिटाई कर अपनी ताकत का एहसास दिलाया। छोटे व्यापारियों में खौफ का माहौल बना हुआ।जानकारी के मुताबिक दोनों व्यवसायियों के बीच पिछले कुछ दिनों से दुकान के आगे सामान रखने को लेकर विवाद चल रहा था। उसको लेकर शनिवार दोपहर 12ः30 बजे के करीब दोनों के बीच कहासुनी हुई देखते ही देखते गाली गलौज शुरू हो गई।
इसी बीच एक पक्ष ने फोन कर और भी स्वर्ण व्यापारियों को इकट्ठा कर बुला लिए। इसके बाद अचानक बाजार में शुरू हुई मारपीट को देख लोगों में भगदड़ मच गई।वहीं मारपीट में किसी शख्स ने वीडियो बना ली। जिसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो आग की तरह फैल गई।इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बड़ी बात यह आ रही है की अतिक्रमण को लेकर प्रकाशन गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है।