संतों से टकराने वाले व्यक्ति का बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाता है-प्रज्ञा ठाकुर
वीडियो में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक काली मंदिर परिसर में कथित तौर पर कबड्डी खेलती दिख रही हैं. इससे पहले एक वीडियो में वह गरबा नृत्य करते दिखी थीं. बता दें कि साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा को चिकित्सा के आधार पर जमानत मिली है और लंबे समय से वह व्हीलचेयर पर हैं.
बीजेपी नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने शनिवार को कहा, “जो लोग रावण की विचारधारा का पालन करते हैं, उन्हें हर जगह राक्षस राजा दिखाई देता है. भोपाल की सांसद बुराई का प्रतिनिधित्व करने वालों की विचारधारा का पालन करती हैं.” वहीं, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सांसद साध्वी प्रज्ञा का कबड्डी खेलते हुए वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते लिखा है कि इनकी NIA कोर्ट में अगली ‘पेशी’ कब है?
वहीं, प्रज्ञा ठाकुर का बचाव करते हुए उनकी बड़ी बहन उपमा ठाकुर ने कहा, “उन्हें रीढ़ की हड्डी में समस्या है जो उन्हें कभी भी परेशानी दे सकता है. आप नहीं जानते कि किस क्षण यह प्रज्ञा के लिए समस्या पैदा कर सकता है. उसकी एल 4 और एल 5 (रीढ़ की हड्डी) विस्थापित होने से यह समस्या हुई है, क्योंकि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), महाराष्ट्र के जांचकर्ताओं ने प्रज्ञा को फर्श पर पटक दिया था. जब भी प्रज्ञा को यह समस्या होती है, तो उसके शरीर का निचला हिस्सा संवेदनशून्य हो जाता है. यह तब भी हो सकता है, जब वह बैठती है या किसी वाहन से उतरती है.”
वहीं, कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कई चेहरे हैं, कभी वह व्हीलचेयर पर दिखाई देती हैं तो कभी गरबा और कबड्डी खेलती हैं. गौरतलब है कि मालेगांव विस्फोट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी. इसी मामले में 51 वर्षीय बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जमानत पर हैं और उन्होंने अपनी शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी. वह लगभग नौ साल तक जेल में रहीं और 2017 में उन्हें जमानत मिली