अलीगढः शराब कांड के बाद भी नहीं टूट रही मिथाइल सप्लाई की चैन
विधान केसरी समाचार
अलीगढ़ । शराब कांड में 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद भी अलीगढ़ में मिथाईल एल्कोहल सप्लाई की चैन नहीं टूट पा रही है। बीते दिनों खैर 1800 लीटर मिथाइल अल्कोहल पकड़ा जाना कई सवाल खड़े करता है। मौत का सामान यानि जहरीली देशी शराब इसी मिथाइल से तैयार की गईं थीं। पुलिस और आबकारी विभाग ने जिन वाहन से मिथाइल के ड्रम पकड़े हैं। वह अलीगढ़ में ही पंजीकृत है और गिरफ्तार हुए दो लोगों में एक बुलंदशहर तो दूसरा स्थानीय है।मिथाइल एल्कहोल जहरीला रसायन की श्रेणी में आता है।
प्रदेश सरकार द्वारा इसे विष (जहर) की सूची में शामिल किया गया है। इसका प्रयोग पूर्व में गुड इवनिंग ब्रांड की नकली देशी शराब बनाने में किया गया था, जिसको पीने से 28 मई से सात जून के बीच लोधा, जवां सहित अन्य इलाकों में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था और देखते ही देखते 10-11 दिन में 108 लोगों की मौत हो गई थी। तब पुलिस ने खुलासा किया था कि मिथाइल की सप्लाई तालानगरी स्थित एक फैक्ट्री से की जाती थी। हैरत की बात है कि अलीगढ़ में मिथाइल के भंडारण व उसके इस्तेमाल से संबंधी कोई भी लाइसेंस नहीं है। दो अक्तूबर को पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने थाना खैर के सोफा नहर के पास से यूपी 81 डीटी 1661 पिकअप वाहन को चेकिंग के दौरान रोका था। जांच पड़ताल होने पर इस गाड़ी में नौ ड्रमों में लगभग 1800 लीटर मिथाइल अल्कोहल पकड़ा गया है।
इस रसायन को मेरठ स्थित आबकारी विभाग की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। 11 अक्तूबर को प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में इस रसायन को मिथाइल अल्कोहल घोषित किया गया। पुलिस ने कोतवाली खैर में विष अधिनियम की धारा 2/6 और आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें पिकअप वाहन के चालक सतीश पुत्र पूरन सिंह निवासी गौधानी खुर्जा देहात जिला बुलंदशहर, वाहन स्वामी मनवीर सिंह पुत्र होराम निवासी धानपुर गभाना अलीगढ़ व बजरंग ट्रेडिंग कंपनी के मालिक को आरोपी बनाया गया। अब पुलिस भी यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर इतनी मात्रा में मिथाइल की सप्लाई कहां की जाने वाली थी।