कन्नौजः मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले मे इलाज नहीं खानापूर्ति

 

विधान केसरी समाचार

जलालाबाद/ कन्नौज। स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को आयोजित जन आरोग्य मेले में मरीजों का गंभीरता से इलाज करने के बजाए सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी तक मनमानी कर रहे हैं। कहीं जांच की व्यवस्था नहीं है तो कहीं डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी बनी हुई है। खानापूर्ति कर स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है।

रविवार को जलालाबाद जसपुरापुर अनौगी पीएचसी पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का आयोजन किया गया था। मेले में कोई भी चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं था फार्मासिस्ट के साथ एएनएम आशा बहू व आंगनबाड़ी मौजूद रहीं।
मेले में आने वाले मरीजों की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। पैरासीटामॉल आयरन व कैल्शियम के टैबलेट मरीजों को देकर लौटा दिया जा रहा था। गर्भवती महिलाओं की जांच और उनके इलाज के लिए एक भी लेडी डॉक्टर की तैनाती नहीं की गई थी। जबकि शासन ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को आदेश दिया है कि जन आरोग्य मेले सभी प्रकार के चिकित्सकों के साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए। इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। स्थानीय लोगों की मानी जाए तो मेले में 25 से 40 मरीजों ने ही अपना इलाज कराया। मेले का निरीक्षण करने के लिए सीएमओ जलालाबाद पहुंचे तो यहां सन्नाटा पसरा था। कुछ देर बैठने के बाद चैंबर में नाश्ता कर वह लौट गए। और अनौगी व जसपुरा पुर में जाने की जहमत ना उठाई

मरीजों के बजाए आशा बहू अपने नाम व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर पर्चा बनवा कर दवा ले रही थी। आसपास के कुछ गठिया रोग से पीड़ित बुजुर्ग व चर्म रोग की समस्या से परेशान युवा दवा लेने के लिए आए थे। यही हाल अनौगी में आयोजित जन आरोग्य मेले का था। यहां होम्योपैथ और आयुर्वेद के एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे। आशा बहू व मरीज दूर-दूर तक नहीं दिख रह थे। विभाग का दावा है कि मेले में लगभग 150 मरीजों को एनीमिया, हाइपरटेंशन लीवर गैस्ट्रो चर्म रोग जैसी बीमारियों का परीक्षण किया गया और उन्हें दवाएं वितरित की गईं।