आगराः स्कूलों में नहीं बंट रही आयरन की गोलियां, फेंकी जा रही कूड़े के ढेर में

 

विधान केसरी समाचार

 

एत्मादपुर। शिक्षा विभाग द्वारा एनआरएचएम द्वारा संचालित वीक्स प्रोग्राम के तहत 10 से 19 वर्ष के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन आयरन की गोली देने की योजना बनाई गई है, लेकिन यह योजना शुरू होने से पहले ही अधिकारी-कर्मचारियों की निष्क्रियता की भेंट चढ़ गई है। योजना से अंजान कई स्कूली बच्चों को अब तक आयरन की गोलियां देखने को नसीब भी नहीं हुई है। प्राथमिक विद्यालय द्वितीय (एत्मादपुर) शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर सभी शासकीय स्कूलों में 10 से 19 वर्ष तक विद्यार्थियों को हर हफ्ते आयरन की गोलियां देने की योजना शुरू की गई थी।

 

इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा नियुक्त प्राइवेट एजेन्सी को दी गई है मगर यह योजना अधिकारी-कर्मचारियों की निष्क्रियता की भेंट चढ़ गई। योजना के तहत माह के प्रथम सप्ताह में हर स्कूली बच्चे को स्कूल में शिक्षकों की देखरेख में आयरन की गोलियां दी जानी है। परंतु दवा नहीं बंटी परंतु दवाइयों के भरे कार्टून एक्सपायर होने के बाद कूड़े के ढेर में डाल दिए गए कहीं ना कहीं प्रशासन की घोर लापरवाही देखी जा रही है।

 

ऐसे में बच्चों को रक्ताल्पता से बचाने की योजना का लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश बच्चे गरीब तबके के होते हैं। कामकाजी होने के कारण इनके अभिभावक भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसे देखते हुए शासन ने यह योजना बनाई थी मगर इसका लाभ स्कूली बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।