इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का मामला
यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की दहलीज तक भी पहुंच गया है. मामले की सीबीआई या फिर न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पत्र याचिका दाखिल की गई है. स्वदेश एनजीओ और प्रयागराज लीगल एड क्लीनिक की ओर से एक्टिंग चीफ जस्टिस एम एन भंडारी को भेजी गई लेटर पिटीशन में पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने के आदेश दिए जाने की मांग की गई है.
साथ ही अपील की गई है कि सीबीआई जांच होने की सूरत में हाईकोर्ट द्वारा जांच की मॉनिटरिंग भी हो. जनहित याचिका में किसानों की मौत को नरसंहार बताते हुए यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी को सस्पेंड करने की भी मांग की गई है. इसके साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की भी गई है.
पत्र याचिका में कहा गया है कि लखीमपुर से लेकर लखनऊ तक बैठे बड़े पुलिस अफसरों की भूमिका व लापरवाही की भी जांच की जानी चाहिए. क्योंकि इस घटना को लेकर इंटेलिजेंस की भी बड़ी चूक हुई है. संस्थाओं की ओर से एडवोकेट गौरव द्विवेदी ने यह पत्र याचिका दाखिल की है. अब अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट पत्र याचिका को स्वीकार करती है, तो इस पर जनहित याचिका कायम कर मामले की सुनवाई कर सकती है. इस मामले में कोई आदेश भी पारित कर सकती है.
बता दें कि लखीमपुर खीरी में अबतक कुल 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 4 की मौत गाड़ी चढ़ाने से जबकि बाकी बवाल में हुई है. किसानों का आरोप है कि वो कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे थे तब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने उन पर गाड़ी चढ़ा दी. इसके बाद प्रदेश ही नहीं देश भर में बवाल मचा हुआ है. वहीं मंत्री के बेटे आशीष का कहना है कि वो गाड़ी में नही थे.