पीलीभीतः ऊँचे मचान अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व की नयी पहचान

 

विधान केसरी समाचार

 

पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की घोषणा के बाद जहां एक तरफ वन अधिकारी वन्य जीवन का सुरक्षा घेरा मजबूत करने में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ समय बीतने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए कुछ आकर्षण केंद्र और सेल्फी प्वाइंट स्थापित किए जा रहे हैं। जिले के वन्य अधिकारी समय-समय पर शासन को चिट्ठी पत्री के माध्यम से अवगत कराते रहते हैं कि वन्य जीवन के सुरक्षा एवं पर्यटन को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।

जिस पर शासन विभिन्न संस्थाओं को निर्माण कार का ठेका समय-समय पर देती रहती है। इसी तरह का एक निर्माण की रूपरेखा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल और उनकी टीम द्वारा कुछ जगहों को चयनित कर आकर्षण केंद्र स्थापित करने के पत्र शासन को भेजा था जिस पर शासन द्वारा अंतिम मोहर लगाकर एक भारी बजट (सीएंडडीएस) को दिया गया था जो लगभग काम अब पूरा कर चुकी है।

प्रभागीय वन अधिकारी पीटीआर द्वारा लगभग आधा दर्जन से ज्यादा ऊंचे मचान उन जगह चयनित किए गए जहां पर्यटक रुक कर वन्य जीवन की नजारा ऊंचाई से कर सकें। इसी के साथ माधोटांडा खटीमा मार्ग और चुका गेट पर दो विशाल द्वारों का निर्माण किया गया जिसे को वन्य जीव के मूर्तियों से सजाया गया है।

ऊँचे मचान का निर्माण महोफ के पूर्व रेंजर आरिफ जमाल द्वारा पहला मचान वाईपर केशन से चुका पक्की पटरी पर, दूसरा मचान लालपुल से चुका पिकनिक स्पॉट के बीच ग्रास लैंड में, तीसरा मचान माधोटांडा खटीमा मार्ग स्थित लालपुल के समीप, जबकि चौथा ऊंचा मचान बराई रेंजर वजीर हसन द्वारा साइफन डबल नहर पर स्थापित किया गया है।

पिछले वर्ष 2019-20 सत्र और 20-21 कोविड-19 महामारी के चलते पर्यटन पर काफी असर पड़ा इसी कारण कुल पर्यटक 19,511 जंगल का लुफ्त उठा सके जबकि इनसे कुल पर्यटन आमदनी लगभग 20 लाख के आसपास रही। इस बार वन निगम द्वारा पांच टाटा जुनून गाड़ी,जंगल के आसपास रह रहे ग्रामीणों द्वारा 16 जिप्सी, और जिले के 35 युवा पर्यटक मित्र (टूरिस्ट गाइड) नए सत्र मैं पर्यटन के लिए उपलब्ध है।

साथ ही जल्द डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार द्वारा पर्यटक मित्रों के साथ कार्यशाला की जाएगी। साथ ही इस बार दूसरे टाइगर रिजर्व से कुछ वरिष्ठ टूरिस्ट गाइड भी पीटीआर के पर्यटक मित्रों से रूबरू होंगे।

पिछली बर्ष जिलाधिकारी पुलकित खरे, पीटीआर प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल, प्रशिक्षक आईएफएस विकास नायक, पूर्व एसडीओ उमेश चंद्र राय, प्रवीण खरे, सहित पीटीआर मुख्यालय के बाबू एवं कर्मचारियों ने इतना शानदार पर्यटन सत्र शुरू किया था जिसकी प्रशंसा ऑनलाइन शुभारंभ कर रहे प्रदेश उच्च स्तर पर बैठे वन मंत्री एवं पूर्व वन अधिकारियों ने की थी।

इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं एक नवंबर से पर्यटन सत्र शुरू हो सकता है जिसको एक यादगार दिन के रूप में मनाया जाएगा।

पर्यटन से पहले वन्यजीव की सुरक्षा जरूरीःडीडी

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल का मानना है की भले ही पर्यटन से काफी राजस्व सरकार तक पहुंचता है लेकिन इसके साथ हमारी प्राथमिकता वन्य जीवन की सुरक्षा है वन्य जीवन की सुरक्षा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं बर्दाश्त की जाएगी नाही उनके उपस्थिति वाली जगह पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटक केवल बाघ देखने के उद्देश्य जंगल भ्रमण ना करें बल्कि कुदरत द्वारा दिए गए अनेक जीव जंतु और पेड़-पौधों एवं जल धाराओं का लुफ्त उठाने के उद्देश्य से जंगल भ्रमण करें।